
जमशेदपुर: एमजीएम अस्पताल की स्थिति को लेकर उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. बैठक का फोकस अस्पताल के पुराने भवन से जरूरी इकाइयों की शिफ्टिंग, संसाधनों की उपलब्धता और मरीजों की सुविधाओं पर रहा.
उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जिन इकाइयों या उपकरणों को अब तक पुराने भवन से नहीं हटाया गया है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द नई इकाइयों में स्थानांतरित किया जाए. उन्होंने कहा कि इससे अस्पताल परिसर का पूरा उपयोग संभव होगा और मरीजों को इलाज में किसी तरह की असुविधा नहीं होगी.
स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता पर निर्देश
उन्होंने कहा कि ओपीडी और इमरजेंसी सेवाओं में मरीजों को समय पर इलाज मिले, इसके लिए चिकित्सक, नर्स और स्टाफ की नियमित उपस्थिति अनिवार्य है. दवाएं, ऑक्सीजन, बेड, वेंटिलेटर जैसी जरूरी सेवाओं की अद्यतन जानकारी ली गई और सुधार के बिंदुओं पर चर्चा हुई.
मरीजों की उम्मीदों पर खरा उतरने की ज़िम्मेदारी
उपायुक्त ने कहा कि हर दिन बड़ी संख्या में लोग अस्पताल में इलाज की उम्मीद लेकर आते हैं. यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि अस्पताल की सेवाएं न सिर्फ सुलभ हों, बल्कि गुणवत्ता के साथ उपलब्ध हों. पुराने भवन से शिफ्टिंग, सफाई, संसाधन, स्टाफ की जवाबदेही, इन सभी पहलुओं पर कार्रवाई तेज़ की जाए.
समीक्षा बैठक में निदेशक एनईपी, सिविल सर्जन, एमजीएम कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य, अधीक्षक, उपाधीक्षक, निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि और स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
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