
जमशेदपुर: टाटा स्टील में कार्यरत उत्पल घोष के खिलाफ उनकी पहली पत्नी संचिता मुखर्जी ने गंभीर आरोप लगाते हुए Jharkhand Online FIR System (JOFS) के माध्यम से 20 जुलाई 2025 को ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए SSP कार्यालय के निर्देश पर 29 जुलाई को गोलमुरी थाना में दहेज प्रताड़ना और बिना तलाक दूसरी शादी करने जैसी धाराओं में FIR दर्ज की गई।
मामला 2011 से जुड़ा है, जब उत्पल घोष और संचिता मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कानूनी विवाह किया था। शादी के बाद उत्पल टाटा स्टील में नौकरी पाकर जमशेदपुर आ गए और पत्नी के साथ यहीं रहने लगे। इस बीच जब संचिता गर्भवती हुई और बेटी का जन्म हुआ, तो उत्पल का रवैया बदल गया। संचिता के अनुसार, उन्हें प्रताड़ित कर घर से निकाल दिया गया।
इसी दौरान उत्पल घोष ने छुपकर दूसरी शादी कर ली, जो टीएमएच की एक डिस्चार्ज स्लिप से उजागर हुई। उस स्लिप में कामना मजूमदार नाम की महिला को पुत्र जन्म देने का ज़िक्र है, जिसमें पति के रूप में उत्पल घोष का नाम दर्ज है। इस खुलासे के बाद मामला और गहरा गया।
संचिता का आरोप है कि शादी के समय उत्पल के परिवार ने भारी भरकम दहेज की मांग की थी, जिसे उसके मायकेवालों ने पूरा किया। कुल मिलाकर शादी और दहेज पर लगभग ₹25 लाख खर्च हुए।
जब उत्पल ने सोचा कि संचिता वापस नहीं लौटेगी, तो उन्होंने जमशेदपुर कोर्ट में Section 09 (वैवाहिक सहवास की पुनः स्थापना) के तहत मामला दर्ज कर दिया, ताकि भविष्य में तलाक की जमीन तैयार हो सके। लेकिन कोर्ट में संचिता के उपस्थित होकर पति के साथ रहने की इच्छा जताने पर उत्पल ने केस ही वापस ले लिया। वर्तमान में उत्पल ने तलाक की अर्जी दी है, जबकि संचिता ने अदालत में भरण-पोषण की मांग की है।
संचिता ने यह भी दावा किया है कि उत्पल घोष के पिता नरेश चंद्र घोष बांग्लादेशी नागरिक हैं, जिनकी दो पत्नियां हैं—एक बांग्लादेश में और दूसरी पश्चिम बंगाल में।
यह मामला अब सिर्फ एक वैवाहिक विवाद नहीं रहा, बल्कि कानूनी, सामाजिक और नैतिक ज़िम्मेदारियों से जुड़ी गंभीर परतें खोल रहा है। देखने वाली बात होगी कि पुलिस और न्यायालय इस पर क्या रुख अपनाते हैं।
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