
जमशेदपुर: जमशेदपुर बार एसोसिएशन ने पहलगाम में 26 भारतीय नागरिकों के मारे जाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे पाकिस्तान की कायराना हरकत करार दिया. अधिवक्ताओं ने विपरीत परिस्थितियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के साथ पूरी मजबूती से खड़े रहने की आवश्यकता पर बल दिया.
सभा के दौरान वक्ताओं ने कहा कि जमशेदपुर के वकील देशवासियों के साथ एकजुट हैं और प्रधानमंत्री के हर निर्णय के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे. पाकिस्तान सेना अध्यक्ष मुनीर के बयान का उल्लेख करते हुए अधिवक्ताओं ने मांग की कि प्रधानमंत्री ऐसी कठोर कार्रवाई करें कि कोई भी भविष्य में ऐसी घटना की कल्पना भी न कर सके. साथ ही दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया.
दो मिनट का मौन और काला फीता आंदोलन
बैठक में पहलगाम हमले में शहीद हुए लोगों की आत्मा की शांति और उनके परिवारों को संबल प्रदान करने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया.
कार्यक्रम का संचालन संयुक्त सचिव संजीव रंजन बरियार ने किया. इस अवसर पर झारखंड राज्य बार काउंसिल के उपाध्यक्ष व वरीय अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ला, काउंसलर एवं पूर्व महासचिव अनिल कुमार तिवारी, अध्यक्ष रथीन्द्र नाथ दास, पूर्व अध्यक्ष लाल अजीत कुमार अंबष्ट ने अपने विचार व्यक्त किए.
सुबह से ही वकीलों ने काला फीता बांधकर विरोध दर्ज कराया और न्यायिक कार्य में भी काला फीता लगाकर हिस्सा लिया.
बड़ी भागीदारी
इस आयोजन में उपाध्यक्ष बोलाई पांडा, विनीता सिंह, सहायक कोषाध्यक्ष पुष्पा कुमारी, देवेंद्र सिंह, अर्जुन सिंह, अजय सिंह राठौड़, मोहम्मद कासिम, सुधीर कुमार पप्पू, कुलविंदर सिंह, सुशील कुमार जायसवाल, रामजीत पांडे, राजू सिंह, रतन चक्रवर्ती, आरसी कर, महेंद्र प्रसाद, टीएन ओझा समेत कार्यकारिणी सदस्य और 500 से अधिक अधिवक्ता उपस्थित रहे.
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