
जमशेदपुर: ग्रेजुएट कॉलेज के बीएड विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विशेश्वर यादव ने केंद्रीय और राज्य सरकार के बजट पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि सभी वृद्ध, विधवा और विकलांग व्यक्तियों को बजट का इंतजार रहता है. वे आशा करते हैं कि सरकार उनके लिए उचित निर्णय लेगी. लेकिन हर साल निराशा ही हाथ लगती है.
आजादी के 76 साल बाद भी स्थिति अपरिवर्तित
आजादी के 76 साल बाद भी विकलांगों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है, चाहे वह किसी भी सरकार का कार्यकाल हो. उन्हें दैनिक जीवन, शिक्षा, स्वास्थ्य और सरकारी नौकरियों में चार प्रतिशत आरक्षण के नियम का कठोरता से पालन करना पड़ता है.
वोट बैंक की अनदेखी
डॉ. यादव ने कहा कि विकलांग व्यक्ति एक बड़ा वोट बैंक होते हुए भी उनकी समस्याएं सरकार तक नहीं पहुँचती हैं. इसके परिणामस्वरूप वे निराशा का सामना करते हैं. सरकार को लाचार लोगों, विशेषकर वृद्ध, विधवा और विकलांग व्यक्तियों के लिए बजट में विशेष प्रावधान करना चाहिए.
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