
पटनाः जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है. नीतीश ने बुधवार को मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का एलान किया है. मणिपुर में एन बीरेन सिंह के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार है. जहां जेडीयू के 6 विधायक हैं. हालांकि, जेडीयू के समर्थन वापस लेने से बीजेपी सरकार पर कोई खतरा नहीं है, क्योंकि 60 सीटों वाली असेंबली में बीजेपी के पास बहुमत से कहीं ज्यादा 32 सीटें हैं. जदयू ने एक पत्र जारी करके औपचारिक रूप से मणिपुर सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया है. मणिपुर जेडीयू इकाई अध्यक्ष क्षेत्रीमयुम बीरेन सिंह ने कहा कि अब बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार का जेडीयू समर्थन नहीं करेगी. उन्होंने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को लिखे पत्र में कहा गया कि उनके एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर को सदन में विपक्षी विधायक माना जाए.
2022 में JDU ने जीती थीं 6 सीटें
प्रदेश अध्यक्ष ने पत्र में कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने 6 सीटें जीती थीं. लेकिन बाद में पांच विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे. जिससे सत्तारूढ़ भाजपा मजबूत हो गई. इन पांच विधायकों का मामला भारत की संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत स्पीकर ट्रिब्यूनल के समक्ष लंबित है
पार्टी ने भ्रामक एवं निराधार बताया
जद (यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने मणिपुर में भाजपा के साथ संबंध तोड़ने के पार्टी के फैसले की खबर को भ्रामक और निराधार बताया. साद ने कहा कि पार्टी ने इसका संज्ञान लिया और पार्टी की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष केश बीरेन सिंह को उनके पद से मुक्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमने एनडीए को समर्थन दिया है और मणिपुर में एनडीए सरकार को हमारा समर्थन भविष्य में भी जारी रहेगा. मणिपुर इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व से कोई संवाद नहीं किया, उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया. उन्होंने (मणिपुर जेडीयू प्रमुख) खुद ही पत्र लिखा था। इसे अनुशासनहीनता मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई और उन्हें पद से मुक्त कर दिया गया. पार्टी प्रवक्ता ने साफ तौर पर कहा कि हम एनडीए के साथ हैं और राज्य इकाई राज्य के विकास के लिए मणिपुर के लोगों की सेवा करना जारी रखेगी.
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