
सरायकेला: नगर भवन सभागार, सरायकेला में मंगलवार को “बिरसा हरित ग्राम योजना” के अंतर्गत एक दिवसीय ‘आम उत्सव सह बागवानी मेला – 2025’ का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम न केवल आम उत्पादकों को सम्मानित करने का मंच बना, बल्कि कृषि आधारित विविध विकल्पों की संभावनाओं को भी रेखांकित किया।
मुख्य अतिथि सिंहभूम सांसद जोबा मांझी ने अपने संबोधन में कहा कि “सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। आम उत्पादक किसानों को उचित बाजार, कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।”
उन्होंने किसानों को मात्र एक फसल पर निर्भर न रहते हुए मिश्रित खेती, सब्जी उत्पादन, पशुपालन एवं डेयरी को भी अपनाने की सलाह दी।
उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह ने कार्यक्रम के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा, “बिरसा हरित ग्राम योजना का लक्ष्य केवल खेती को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करना भी है।” उन्होंने किसानों को आम से मूल्यवर्धित उत्पाद (जैसे अचार, पापड़, अमावट आदि) तैयार कर आयवृद्धि का सुझाव भी दिया।
जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा ने कहा कि इस प्रकार के मेले नवीन कृषि तकनीकों के प्रति जागरूकता और प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि उपज के सुरक्षित भंडारण और उचित मूल्य निर्धारण के लिए प्रशासन पूरी तरह सहयोग करेगा।
मेहनत की मिली पहचान: उत्कृष्ट किसानों को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान बिरसा हरित ग्राम योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को प्रशस्ति पत्र व कृषि उपकरण देकर सम्मानित किया गया। उन्हें कहा गया कि वे अन्य किसानों को भी योजना से जोड़ने के लिए प्रेरित करें।
सम्मानित किसान इस प्रकार हैं:
प्रथम पुरस्कार: निमाई मुर्मू, सरायकेला
द्वितीय पुरस्कार: युधिष्ठिर मुंडा, चांडिल
तृतीय पुरस्कार: राम सोए, कुचाई
अनुभव से प्रेरणा: किसानों ने सुनाई अपनी कहानी
पुरस्कृत किसानों ने मंच से अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि बिरसा हरित ग्राम योजना से जुड़कर उन्होंने न केवल तकनीकी रूप से समृद्ध खेती की, बल्कि अपनी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सहयोग और सही दिशा-निर्देशों के साथ कृषि अब जीवन परिवर्तन का माध्यम बन रही है।
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