
सरायकेला: राजनगर प्रखंड के कुवरदा गांव में रोजो संक्रांति के पावन अवसर पर आधुनिक छऊ नृत्य कमेटी, कालिंदी टोला की ओर से पारंपरिक छऊ नृत्य महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया. कार्यक्रम ने न केवल गांव के लोगों को, बल्कि आसपास के क्षेत्रों से आए हज़ारों दर्शकों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया. महोत्सव के दौरान छऊ कलाकारों ने गणेश वंदना, महिषासुर वध, हर-पार्वती संवाद, कृष्ण लीला, जरा सिंधु कथा और सिद्धू-कान्हू की वीर गाथा पर आधारित प्रस्तुति दी. छऊ की पारंपरिक भंगिमाएं और भाव-भिव्यक्ति ने बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक सभी को भावविभोर कर दिया.
कार्यक्रम में शैव और वैष्णव परंपराओं की छाप स्पष्ट रूप से देखने को मिली, जिससे यह आयोजन न सिर्फ मनोरंजन बल्कि आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र बन गया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री चंपई सोरेन थे. विशिष्ट अतिथियों में बाना पंचायत की मुखिया राम सिंह हेंब्रम और पंचायत समिति सदस्य मनोज कुमार महतो शामिल रहे. सभी ने छऊ नृत्य को आदिवासी सांस्कृतिक पहचान का मजबूत स्तंभ बताया.
कमेटी के सचिव शत्रुघ्न कालिंदी ने जानकारी दी कि 1985 से प्रतिवर्ष रोजो संक्रांति पर यह आयोजन किया जा रहा है. उनका कहना था कि यह न केवल मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि लोकसंस्कृति और पीढ़ियों के बीच सेतु का कार्य करता है.
नृत्य दलों ने मोहा मन
कार्यक्रम में क्षेत्र के प्रसिद्ध छऊ दलों ने भाग लिया. इनमें शामिल थे:
उस्ताद सुरेन कालिंदी व मैनेजर विजय महतो का दल
उस्ताद भारत सिंह मुंडा का दल
प्रतिष्ठित शिशुपाल सिंह नृत्य दल, मैनेजर नित्यानंद रजक
इन कलाकारों की उत्कृष्ट प्रस्तुति ने दर्शकों को बार-बार तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया.
छऊ महोत्सव की सफलता में ग्रामवासियों और कमेटी सदस्यों की भूमिका अहम रही. कमेटी के
अध्यक्ष: होपन मार्डी
उपाध्यक्ष: गोम्भु महतो
सचिव: शत्रुघ्न महतो
सदस्य: जयराम कालिंदी, रसिक कालिंदी, सूरज चांद कालिंदी, लखन बदरा, प्रदीप, राजेश, गुरबा, लालचंद, गोविंदा, बनबिहारी, चांद मार्डी, रवि, अर्जुन कालिंदी सहित अनेक लोगों ने अथक परिश्रम से आयोजन को भव्य रूप दिया.
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