
जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले में नगर निकायों में पिछड़े वर्गों के आरक्षण निर्धारण को लेकर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने बुधवार को परिसदन सभागार में एक अहम बैठक की. आयोग के अध्यक्ष जानकी प्रसाद यादव की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में आयोग के अन्य सदस्य और जिले के विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित रहे.
बैठक में आयोग ने ट्रिपल टेस्ट के तहत जिले में किए गए डोर-टू-डोर सर्वे से जुड़ी रिपोर्टों की समीक्षा की. साथ ही पिछड़े वर्गों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक स्थिति से जुड़े पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई. जाति, आय, प्रमाण पत्रों और अंचल कार्यालयों में लंबित मामलों की स्थिति पर विशेष ध्यान देते हुए अधिकारियों को समयबद्ध समाधान के निर्देश दिए गए.
बैठक में उन मामलों की भी समीक्षा हुई, जहां प्राकृतिक आपदा, आकस्मिक मृत्यु या सर्पदंश से नुकसान हुआ. आयोग ने ऐसे पीड़ितों को तत्काल लाभ पहुंचाने, योजनाओं के प्रचार-प्रसार बढ़ाने और हर पात्र को समय पर सहायता दिलाने की बात दोहराई.
हाथी प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को मुआवजा देने, स्वरोजगार से जोड़ने और योजनाओं के तहत ऋण व अन्य लाभ दिलाने पर भी ज़ोर दिया गया. शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया कि सभी योग्य छात्रों को छात्रवृत्ति, साइकिल वितरण और आवासीय विद्यालयों में जरूरी सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराई जाएं. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में बीपीएल परिवारों के बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करने की बात भी कही गई.
मनरेगा के तहत रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने, महिलाओं को प्रशिक्षण और योजनाओं से जोड़ने, किसानों को बीज, खाद और फलदार पौधे सुलभ कराने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई. साथ ही मत्स्यपालन को बढ़ावा देने और पंचायत स्तर पर समितियां बनाकर स्थानीय मत्स्यपालकों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने के निर्देश दिए गए.
इस बैठक में जिले के लगभग सभी प्रमुख अधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और संबंधित विभागों के प्रतिनिधि मौजूद रहे. सभी को साफ संदेश दिया गया कि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और समाज का कोई भी वर्ग पीछे न छूटे.
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