
नई दिल्ली : पूर्वी कांगों में एक बार फिर आतंकियों ने आतंक मचाया है. नागरिक नेता का कहना है कि पूर्वी कांगो में इस्लामिक स्टेट समर्थित विद्रोहियों की ओर से चर्च पर किए गए हमले में कम से कम 21 लोगों की मौत हुई है. यह हमला अलाइड डेमोक्रेटिक फ़ोर्स (ADF) के सदस्यों ने पूर्वी कांगो के कोमांडा में एक कैथोलिक चर्च परिसर के अंदर रात लगभग 1 बजे किया. हमले के दौरान कई घर और दुकानें भी जला दी गईं हैं. कोमांडा में एक नागरिक समाज समन्वयक, डियूडोने दुरंतबो ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया, ’21 से ज़्यादा लोगों को अंदर और बाहर गोली मार दी गई और हमने कम से कम तीन जले हुए शव और कई घरों को जलाए जाने की सूचना दी है, हालांकि घायलों और शवों की तलाश जारी है.’ कोमांडा के इतुरी प्रांत में कांगो सेना के एक प्रवक्ता ने 10 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है. इस घटना ने एक बार फिर इस अफ्रीकी देश में इस्लामिक स्टेट का डर पैदा कर दिया है, जो पिछले कई सालों से आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहा है.
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कितना खतरनाक है ADF?
ADF इस्लामिक स्टेट से जुड़ा एक विद्रोही समूह है, जो युगांडा और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय है और एक दशक से ज्यादा समय से नागरिकों पर बार-बार हमले करता रहा है. 2018 में ADF ने इस्लामिक स्टेट (ISIS) के साथ औपचारिक संबंध स्थापित किए और 2019 में इस्लामिक स्टेट सेंट्रल अफ्रीका प्रोविंस (IS-CAP) के रूप में अपनी निष्ठा का ऐलान किया.
ISIS से जुड़ें संगठन पहले भी करते रहे हैं हमले
ये हमला कोई पहला नहीं है, जिसमें धर्म विशेष को निशाना बनाया गया हो. ISIS से जुड़े आतंकी गुट अक्सर यहां हमलों को अंजाम देते रहे हैं. पूर्वी कांगो एक ईसाई बहुल देश हैं, जहां कई इस्लामी संगठन एक्टिव है. कांगों लंबे समय से इन हिंसक हमलों से जूझ रहा है.
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