

जमशेदपुर: गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड में पदस्थापित पंचायत सचिव सुखलाल महतो की दर्दनाक मृत्यु की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। इस घटना को लेकर पोटका प्रखंड कार्यालय परिसर में एक शोकसभा आयोजित की गई, जिसमें प्रखंड के सभी कर्मियों और अधिकारियों ने भाग लिया।
सभी ने दो मिनट का मौन रखकर स्व. सुखलाल महतो की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
संघ ने बताया प्रताड़ना का मामला
शोकसभा के पश्चात झारखंड प्रदेश पंचायत सचिव संघ के अध्यक्ष मनोज सिन्हा ने बताया कि पंचायत सचिव सुखलाल महतो को प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ), बीसी (आवास), रोजगार सेवक और मुखिया पति द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था।
उन्होंने आरोप लगाया कि अत्यधिक मानसिक दबाव और उत्पीड़न से आहत होकर सुखलाल महतो ने प्रखंड कार्यालय परिसर में ही कीटनाशक पी लिया, जिससे गंभीर हालत में उन्हें रांची रिम्स भेजा गया, लेकिन 15 जून को उनकी मृत्यु हो गई।
न्यायिक जांच की मांग
मनोज सिन्हा ने राज्य सरकार से इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि
“अगर दोषियों को कड़ी सजा नहीं दी गई, तो राज्यभर के पंचायत सचिव आंदोलन को बाध्य होंगे।”
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि प्रशासनिक संवेदनहीनता और पद के दुरुपयोग का परिणाम है।
राज्यभर में बढ़ रहा रोष
इस घटना को लेकर न सिर्फ गिरिडीह, बल्कि पूरे झारखंड में पंचायत सचिवों और प्रखंड कर्मियों के बीच गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। सभी जिलों में शोकसभाएं आयोजित की जा रही हैं और सरकार से सुनवाई व संरक्षा की मांग की जा रही है।
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