
जमशेदपुर: विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित “आदिवासी अधिकार महारैली” आज श्रीघुटु फुटबॉल मैदान से शुरू हुई। कार्यक्रम की शुरुआत में दिशोम गुरु शिबू सोरेन के चित्र पर माल्यार्पण और दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
रैली का पहला चरण बाइक रैली के रूप में गौड़गोड़ा हाट मैदान तक गया, जहां से यह पैदल रैली में बदलकर बाबा तिलकामांझी चौक, डिमना तक पहुंची। वहां तिलका मांझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और संक्षिप्त सभा हुई। अंतिम सभा गौड़गोड़ा हाट मैदान में संपन्न हुई।
आदिवासी एकता मंच के सुनील हेंब्रम ने कहा कि रैली को इस वर्ष बड़े पैमाने पर आयोजित करने की योजना थी, लेकिन शिबू सोरेन के निधन के बाद इसे श्रद्धांजलि सभा के रूप में सीमित किया गया। उन्होंने पेसा कानून और सीएनटी एक्ट को पूरी तरह लागू करने, सीएनटी एक्ट से जुड़े मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए फास्टट्रैक कोर्ट बनाने की मांग की।
राखल सोरेन ने भी सीएनटी एक्ट के सख्त अनुपालन और उल्लंघन पर कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
रैली में महिलाओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। बड़ी संख्या में महिलाएं बाइक और पैदल मार्च में शामिल होकर आदिवासी अधिकारों की आवाज़ बुलंद करती रहीं। पूरे मार्ग में आदिवासी एकता और अधिकारों के नारे गूंजते रहे।
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