
गुवा: मेघाहातुबुरु स्थित सामुदायिक भवन में बुधवार को राज्य मंत्री दीपक बिरुवा ने श्रमिक संगठनों, ठेका मजदूरों, मानकी-मुंडाओं, ग्रामीणों एवं सेलकर्मियों से खुलकर संवाद किया. जैसे ही लोगों ने अपनी बात रखनी शुरू की, विस्थापन, रोजगार की कमी, शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसे ज्वलंत मुद्दे सामने आ गए.
मंत्री बिरुवा ने स्पष्ट किया कि यदि सेल (SAIL) को लीज का नवीकरण चाहिए, तो उसे पहले स्थानीय युवाओं को रोजगार देना होगा. उन्होंने कहा कि खनिज संपदा झारखंड से निकाली जा रही है लेकिन बदले में प्रदूषण, बीमारी और विस्थापन मिल रहा है. यह अब और नहीं सहा जाएगा.
“जो झारखंड की धरती से खनन करेगा, उसे झारखंड के लोगों को सम्मान देना ही होगा”, मंत्री ने दो टूक कहा. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगे नहीं मानी गईं तो बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा.
विस्थापन के नाम पर जबरन हटाना नहीं चलेगा
गुवा क्षेत्र में रेलवे साइडिंग के नाम पर जबरन हटाए जाने की कोशिश पर मंत्री बिरुवा ने गहरी नाराज़गी जताई. उन्होंने कहा कि “पहले बसाओ, फिर हटाओ. यह कैसा अन्याय है?” उन्होंने साफ किया कि गुवा, किरीबुरु और मेघाहातुबुरु के निवासियों को जबरन उजाड़ा नहीं जाएगा.
मंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार गरीबों और मजदूरों की सरकार है. उनकी सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा हर हाल में की जाएगी. उन्होंने अलग-अलग संगठनों से एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान भी किया.
मजदूर संगठनों की प्रमुख मांगें
मंच से विभिन्न संगठनों और प्रतिनिधियों ने मंत्री के समक्ष ये प्रमुख मांगें रखीं:
सभी बहालियाँ किरीबुरु नियोजन कार्यालय के माध्यम से हों
ठेका व सप्लाई मजदूरों में स्थानीय व खदान प्रभावित गांवों को प्राथमिकता
किरिबुरु अस्पताल में चिकित्सकों की कमी दूर की जाए
मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराई जाएं
चतुर्थ श्रेणी में स्थानीयों की बड़ी बहाली की जाए
सारंडा के 10 वनग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाए
बहदा गांव को सीएसआर योजना में शामिल किया जाए
सेल टाउनशिप में बसे गैर-सेलकर्मियों को विस्थापित न किया जाए
बैठक में कौन-कौन थे शामिल
इस संवाद बैठक में प्रमुख रूप से जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सोरेन, जिलाध्यक्ष सोनाराम देवगम, जिला सचिव राहुल आदित्य, नेता सुभाष बनर्जी, रामा पांडेय, दीपक प्रधान, विश्वनाथ बारा, अभिषेक सिंकु, विपिन पूर्ति, रीमु बहादुर, प्रेमनाथ गुप्ता, मो. तबारक, दुर्गा चरण तोपनो, मुखिया प्रफुल्लित गलोरिया तोपनो, लिपि मुंडा, सुमन मुंडू, शमशाद आलम, जयराम गोप, पूर्व प्रमुख जीरेन सिंकु सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे.
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