नई दिल्ली: भारत की महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में इतिहास रच दिया। दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में हराकर भारत ने महिला वनडे विश्व कप 2025 का खिताब अपने नाम किया। इसी के साथ भारत ने 52 साल का इंतजार खत्म कर दिया और पहली बार विश्व चैंपियन बना।
बारिश से देरी, लेकिन जीत से चमका भारत
बारिश के कारण फाइनल मुकाबला दो घंटे देरी से शुरू हुआ। टॉस जीतकर दक्षिण अफ्रीका ने पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रतिद्वंद्वी टीम को मात दी। कप्तान हरमनप्रीत कौर अब विश्व कप जीतने वाली सबसे अनुभवी कप्तान बन गईं, जबकि शेफाली वर्मा ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ बनीं — यह उपलब्धि हासिल करने वाली सबसे युवा खिलाड़ी।
जीत के साथ टूटा सूखा, उमड़ी देशभर में खुशी
यह जीत वैसी ही यादगार रही जैसी 1983 में कपिल देव की पुरुष टीम ने रची थी। देशभर में महिला टीम की जीत पर जश्न का माहौल है। भारतीय टीम ने अपने संघर्ष और जज्बे से दिखाया कि दृढ़ इच्छाशक्ति से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। एक समय टीम को खिताबी दावेदार नहीं माना जा रहा था, लेकिन हरमनप्रीत की अगुआई में टीम ने असंभव को सच कर दिखाया।
झूलन, मिताली और अंजुम की आंखों में छलक आए आंसू
जीत के जश्न में भारतीय महिला क्रिकेट की तीन दिग्गज खिलाड़ी — झूलन गोस्वामी, मिताली राज और अंजुम चोपड़ा — भी शामिल हुईं। फाइनल के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने ट्रॉफी थमाकर इन तीनों को सम्मानित किया, जो अपने दौर में यह खिताब जीतने से चूक गई थीं। यह पल उनके लिए भी सपने के सच होने जैसा था।
हार से हौसले तक: मुश्किल राह में चमकी टीम इंडिया
ग्रुप चरण में टीम को लगातार तीन हार का सामना करना पड़ा था। पहले दक्षिण अफ्रीका, फिर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से हारने के बाद भारत टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर था। लेकिन इसके बाद टीम ने न्यूजीलैंड को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई और सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में पहुंची। फाइनल में भारत ने उसी दक्षिण अफ्रीका से हिसाब बराबर किया, जिसने उसे पहले हराया था।
इनामी राशि में भी रचा नया रिकॉर्ड
आईसीसी ने इस बार की विजेता टीम के लिए अब तक की सबसे बड़ी इनामी राशि घोषित की थी। भारत को 4.48 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 39.55 करोड़ रुपये) मिले — जो पिछले संस्करण की तुलना में चार गुना ज्यादा है।
महिला क्रिकेट विश्व कप में भारत का सफर एक नजर में
1978: भारत ने पहली बार टूर्नामेंट खेला, लेकिन ग्रुप चरण में बाहर हुआ।
2005: पहली बार फाइनल में पहुंचा, ऑस्ट्रेलिया से हार।
2017: दूसरी बार फाइनल में पहुंचा, इंग्लैंड से हार।
2025: पहली बार खिताब अपने नाम किया।