
रांची: झारखंड की समृद्ध कला और संस्कृति को नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से पोटका विधायक संजीव सरदार ने सोमवार को विधानसभा सत्र के शून्यकाल में कलाकारों की स्थिति को लेकर सरकार से पहल की मांग की. उन्होंने राज्य में कला-संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना की आवश्यकता जताई, जिससे लोक कलाकारों और कला प्रेमियों को एक संरक्षित मंच मिल सके. विधायक ने कहा कि इससे न केवल कलाकारों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि कला और संस्कृति को भी संरक्षण मिलेगा.
सीनियर फेलोशिप कलाकारों के लिए सरकारी नौकरी की मांग
विधायक संजीव सरदार ने यह भी कहा कि झारखंड के कलाकार देश-विदेश में अपनी कला का परचम लहरा रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक कोई सम्मान राशि या रोजगार की सुविधा नहीं दी गई है. उन्होंने सरकार से सीनियर फेलोशिप कलाकारों को सरकारी नौकरी में सीधी नियुक्ति देने की मांग की, ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें और अपने हुनर को बेहतर तरीके से समाज के सामने ला सकें.
लोक कला-संस्कृति को पाठ्यक्रम में शामिल करने का सुझाव
इसके अतिरिक्त, विधायक सरदार ने लोक कला और संस्कृति को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की भी सलाह दी. उनका मानना था कि इस कदम से नई पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ सकेगी और झारखंड की विविधतापूर्ण कला-संस्कृति को आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा.
राज्य के कलाकारों में आशा की नई किरण
विधायक संजीव सरदार द्वारा इस महत्वपूर्ण मुद्दे को सदन में उठाए जाने के बाद राज्यभर के कलाकारों में उत्साह और उम्मीद की लहर दौड़ गई है. कलाकारों का मानना है कि सरकार जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी और झारखंड की लोक कला को संरक्षित करने के लिए आवश्यक निर्णय लेगी.
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