
मेदिनीपुर: चंद्रकोना रोड स्थित पश्चिम बंगाल विज्ञान केंद्र की पहल पर नलबाना हाई स्कूल में ‘रसोई में विज्ञान और खाद्य मिलावट’ तथा ‘माँ और बच्चे का पोषण’ विषयों पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया. यह आयोजन विज्ञान को जनसामान्य के जीवन से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इस कार्यशाला में जिले के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. दिलीप चक्रवर्ती, विद्यासागर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और जिला अध्यक्ष डॉ. सुजाता माइती, विज्ञान केंद्र के सचिव चिरंजीत राणा, अध्यक्ष चिन्मय घोष, जिला पार्षद सदस्य कनाई लाल सिंह और अमर घोष, विज्ञान केंद्र के सदस्य मुसीबबर मंडल, पंचायत समिति अध्यक्ष चिन्मय साहा, कृषि अधिकारी तथा 200 से अधिक रसोइए और छात्र-छात्राएं शामिल हुए.
मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान, रसोई की बारीकियों की जानकारी
कार्यशाला की शुरुआत में क्षेत्र के विभिन्न हाई स्कूलों के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया. इसके बाद अल्पना देबनाथ बसु ने रसोइयों को यह सिखाया कि सब्जियों को गुणवत्ता बनाए रखते हुए सही तरीके से कैसे काटा और पकाया जाए. उन्होंने रसोई के वैज्ञानिक पहलुओं को सरल भाषा में समझाया.
कार्यशाला में शहद, मिठाई, मूढ़ी, दाल, बेसन और हल्दी जैसे आम खाद्य पदार्थों में मिलावट की पहचान के व्यावहारिक तरीके भी बताए गए. उपस्थित महिलाओं और छात्रों ने सक्रिय रूप से भागीदारी करते हुए प्रश्न पूछे और जानकारी प्राप्त की.
पोषण पर जोर और भोजन के साथ समापन
‘माँ और बच्चे का पोषण’ विषय पर विशेष चर्चा हुई, जिसमें महिलाओं को बताया गया कि संतुलित आहार किस प्रकार स्वस्थ जीवन की नींव रखता है. कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों ने एक साथ भोजन कर इस ज्ञानमूलक अनुभव को साझा किया.
चंद्रकोना रोड विज्ञान केंद्र द्वारा शुरू की गई इस प्रकार की कार्यशालाएं क्षेत्र में स्वास्थ्य, विज्ञान और पोषण के प्रति जागरूकता फैला रही हैं. संपादक चिरंजीत राणा और जिला पार्षद अमर घोष ने घोषणा की कि भविष्य में भी ऐसी कार्यशालाएं लगातार आयोजित की जाएंगी, जिससे आम जन को लाभ मिल सके.
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