
जमशेदपुर: हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने एमजीएम अस्पताल, साकची के नवनिर्मित डिमना रोड स्थित भवन का निरीक्षण कर यह स्पष्ट निर्देश दिया था कि नए अस्पताल में कोई भी पुराना, जर्जर अथवा अनुपयोगी सामान नहीं ले जाया जाएगा. इसके बावजूद निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पुराने और जंग लगे बेड नए भवन में लगा दिए गए हैं, जिससे अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं.
शुक्रवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य डॉ. डी. हांसदा ने नए भवन का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने कुछ विभागों में पुराने और खराब हालत के बेड पाए, जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई.
उन्होंने तत्काल सभी जर्जर और अनुपयोगी सामग्रियों को हटाने का निर्देश जारी किया. साथ ही प्रत्येक विभाग को आदेश दिया गया है कि पुराने सामानों की सूची तैयार कर उन्हें ‘कंडम’ घोषित किया जाए और शीघ्र नीलामी या निस्तारण की प्रक्रिया अपनाई जाए.
डॉ. हांसदा ने स्पष्ट किया कि नए अस्पताल भवन में सिर्फ उन्हीं उपकरणों और सामग्रियों को स्थानांतरित किया जाएगा जो हाल में खरीदे गए हैं. अन्य आवश्यक वस्तुओं की नई खरीद प्रक्रिया प्रगति पर है. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नया अस्पताल आधुनिक, सुरक्षित और सुविधा संपन्न बने.
एमजीएम का नया भवन झारखंड के लाखों मरीजों की उम्मीदों का केंद्र है. ऐसे में प्रशासन की लापरवाही न केवल सरकारी धन का अपमान है, बल्कि आम जनता की स्वास्थ्य सुविधाओं से भी खिलवाड़ है. अब देखना यह होगा कि इस दिशा में अस्पताल प्रबंधन कितनी पारदर्शिता और सख्ती बरतता है.
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