
जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत सवाल पूछना अब खतरे से खाली नहीं रहा. जिले के कई आरटीआई कार्यकर्ताओं को लगातार फोन पर धमकियां मिल रही हैं. किसी को हाथ जलाने की चेतावनी दी जा रही है तो किसी को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई है. शुक्रवार को आरटीआई कार्यकर्ता संघ (केंद्रीय समिति) का एक प्रतिनिधिमंडल जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय से मिला. कार्यकर्ताओं ने उन्हें एक ज्ञापन सौंपा और पूरे मामले को विधानसभा में उठाने की मांग की. सरयू राय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को विधानसभा में शून्यकाल या निवेदन काल के माध्यम से जरूर उठाएंगे.
महासचिव को मिली थी जान से मारने की धमकी
आरटीआई कार्यकर्ता संघ के महासचिव कृतिवास मंडल को 18 मई 2025 को रात 10:11 बजे एक अज्ञात नंबर से फोन आया. फोन करने वाले ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी. इसकी सूचना 20 मई को उन्होंने जिले के एसएसपी को दी, लेकिन अब तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.
जादूगोड़ा में भी आरटीआई कार्यकर्ता को धमकी
जादूगोड़ा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता सुनील मुर्मू को भी धमकी मिली. यह धमकी उन्हें एक स्थानीय मुखिया की ओर से फोन पर दी गई थी. हालांकि, पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेने के बजाय दोनों पक्षों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएसएस) की धारा 126 के तहत सामान्य कार्रवाई करते हुए प्रकरण को हल्का कर दिया.
ज्ञापन में कार्यकर्ताओं ने मांग की कि कृतिवास मंडल को धमकाने वाले कृष्णा कुमार और पोटका प्रखंड कार्यालय से जुड़े कुछ कर्मियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए. साथ ही, प्रतिनिधिमंडल ने तत्कालीन परसुडीह थाना प्रभारी फैज अहमद और डिप्टी एसपी (लॉ एंड ऑर्डर) तौकीर आलम की निष्क्रियता की जांच कराने की भी मांग रखी.
प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता पूरबी घोष, कृतिवास मंडल, सुनील मुर्मू, सुलोचना देवी सहित कई अन्य लोग शामिल थे. सभी ने एक सुर में कहा कि आरटीआई कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है.
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