पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी को जनता का भरपूर समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है। शाम 4 बजे तक के रुझानों में एनडीए 209 सीटों, महागठबंधन 29 सीटों, एआईएमआईएम 6 सीटों, और अन्य 1 सीट पर आगे चल रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पीएम मोदी शाम 6 बजे भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर सकते हैं।
चिराग पासवान का अब तक का सबसे मजबूत प्रदर्शन
लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) इस चुनाव की सबसे बड़ी सरप्राइज पावर बनकर उभरी है। दोपहर 12:30 बजे तक पार्टी 27 में से 20 सीटों पर आगे थी — यानी लगभग 69% सीटों पर बढ़त। यह किसी भी क्षेत्रीय दल के लिए बेहद प्रभावशाली प्रदर्शन माना जा रहा है।
इन प्रमुख सीटों पर एलजेपी रामविलास आगे
सुगौली, गोविंदगंज, बेलसंड, बहादुरगंज, कसबा (कटिहार), बलरामपुर, सिमरी बख्तियारपुर, बोचहां, दरौली, महुआ, बखरी, परबत्ता, नाथनगर, ब्रह्मपुर, चेनारी, डेहरी, ओबरा, शेरघाटी, राजौली और गोबिंदपुर।
2020 से 2025: एलजेपी का बड़ा राजनीतिक बदलाव
2020 में एलजेपी ने 130 से ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सिर्फ एक सीट जीत पाई थी। उस समय कई सीटों पर वे दूसरे नंबर पर आई थीं, लेकिन एनडीए से अलगाव और टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी कमजोर पड़ गई थी। अब तस्वीर बदल चुकी है—चिराग पासवान की पार्टी इस बार एनडीए का मजबूत स्तंभ बनकर उभरी है और गठबंधन की जीत में बड़ा योगदान देती दिख रही है।
नीतीश कुमार की सबसे कठिन परीक्षा—और साफ जीत
करीब दो दशक तक बिहार की राजनीति का चेहरा रहे नीतीश कुमार के सामने इस चुनाव में भरोसे की सबसे बड़ी परीक्षा थी। गठबंधन बदलने की छवि और जनता की नाराजगी को लेकर सवाल उठते रहे, लेकिन रुझान दिखाते हैं कि जनता ने उनकी अनुभव और शासन शैली पर एक बार फिर भरोसा जताया है।
मोदी–नीतीश की जोड़ी बनी एनडीए की सुपर स्ट्रेंथ
इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई मंचों पर साथ दिखाई दिए।
उनके संयुक्त प्रचार ने गठबंधन को मजबूत संदेश दिया—
कल्याणकारी योजनाओं का भरोसा
सड़क, बिजली और रोज़गार की बात और स्थिर सरकार का वादा, पीएम मोदी की राष्ट्रीय लोकप्रियता और नीतीश कुमार की जमीनी पकड़ ने एनडीए को स्पष्ट बढ़त दिलाई।