पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जन सुराज को एक भी सीट नहीं मिली। करीब 98% उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। इससे स्पष्ट है कि मतदाता अब किसी असमंजस की स्थिति में नहीं रहना चाहते, और स्थायी सरकार की ओर झुके हैं। यही कारण है कि दो तिहाई से अधिक जनादेश एनडीए को मिला। मतदाताओं की उम्मीद और चाहत यह है कि स्थायी सरकार बिहार के विकास में अधिक योगदान दे सके।
प्रशांत किशोर 16 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बताया कि वे 16 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधानसभा चुनाव के नतीजे और जन सुराज की आगामी रणनीति पर जानकारी साझा करेंगे। हालांकि, इस चुनाव में जीत के लिए जन सुराज ने पूरी मेहनत की, फिर भी परिणाम निराशाजनक रहे।
जन सुराज ने 239 सीटों पर चुनाव लड़ा
जन सुराज ने कुल 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जिनमें से 239 सीटों पर चुनाव लड़ा। प्रशांत किशोर और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दिन-रात मेहनत कर लगभग सभी सीटों पर प्रचार किया। इसके बावजूद पार्टी के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे और पार्टी का खाता तक नहीं खुल सका। यह नतीजा यह भी दर्शाता है कि मतदाता पहले से अधिक सजग और जागरूक हैं। उन्होंने अच्छी तरह से आकलन किया कि कौन-सी पार्टी स्थायी सरकार बना सकती है।
मतदाताओं का रुझान एनडीए की ओर
मतदाता ने देखा कि जन सुराज उनसे अपेक्षित उम्मीदें पूरी नहीं कर पा रही। इसी कारण उन्होंने एनडीए के पक्ष में वोट किया, और एनडीए ने पूर्ण बहुमत हासिल किया। एनडीए की घटक पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने अकेले 83 सीटों पर बढ़त बनाई।
प्रशांत किशोर का बयान चर्चा में
जन सुराज के संस्थापक नेता प्रशांत किशोर का एक बयान इस चुनाव में जमकर वायरल हो रहा है। उन्होंने जुलाई 2025 में एक समाचार चैनल को इंटरव्यू में कहा था कि यदि जेडीयू को 25 सीटों से ज्यादा मिली तो वे राजनीति छोड़ देंगे। हालांकि, इस बयान पर जब उनसे एक और सवाल किया गया, तो किशोर ने कहा कि उन्होंने सिर्फ इतना कहा था, लेकिन जनता और राजनीतिक माहौल का असर अलग हुआ।
चुनाव का आंकड़ा
जन सुराज के 243 उम्मीदवारों में से 5 ने चुनाव नहीं लड़ा। बचे 238 उम्मीदवारों में से 116 तीसरे नंबर पर रहे और 122 तीसरे से भी नीचे रहे। इस नतीजे ने यह साफ कर दिया कि बिहार की जनता अब स्थायी सरकार और विकास पर ध्यान देने वाली पार्टियों को प्राथमिकता दे रही है।