
मऊ: हेट स्पीच मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद मऊ से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी समाप्त हो गई है. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता को समाप्त करते हुए उनकी सीट को रिक्त घोषित कर दिया है. इस प्रक्रिया के लिए रविवार को विशेष रूप से विधानसभा सचिवालय खोला गया. चुनाव आयोग को इस निर्णय की सूचना भेज दी गई है. अब मऊ सदर सीट पर संभावित उपचुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है.
चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला
यह मामला 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान नफरत फैलाने वाले भाषण और आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ा है. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) डॉ. केपी सिंह की अदालत ने शनिवार को सुनवाई के बाद अब्बास अंसारी को दोषी करार देते हुए दो वर्ष की सजा सुनाई.
साथ ही विभिन्न धाराओं के तहत कुल 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अभियोजन के अनुसार, मामला मऊ शहर कोतवाली क्षेत्र से संबंधित है. एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर अब्बास अंसारी और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
मंच से दी गई ‘सबक सिखाने’ की धमकी
आरोप था कि 3 मार्च 2022 को मऊ सदर सीट से सुभासपा के प्रत्याशी के रूप में चुनाव प्रचार कर रहे अब्बास अंसारी ने पहाड़पुर मैदान में आयोजित एक जनसभा में प्रशासन को धमकी दी थी. उन्होंने मंच से कहा था कि “चुनाव के बाद हिसाब-किताब होगा” और सबक सिखाया जाएगा.
इस बयान को चुनाव आचार संहिता और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के उल्लंघन के रूप में देखा गया.
साथी मंसूर अंसारी को भी सजा
इस मामले में अब्बास अंसारी के सहयोगी मंसूर अंसारी को भी अदालत ने धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी पाया. उन्हें छह महीने की सजा और एक हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया है.
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