
अहमदाबाद: एअर इंडिया की लंदन जाने वाली फ्लाइट AI-171 के अहमदाबाद में क्रैश होने की दुर्घटना पर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक इस भयावह हादसे में किसी साजिश या बर्ड हिट का संकेत नहीं मिला है. रिपोर्ट में बताया गया है कि उड़ान भरते ही विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल कट-ऑफ स्विच एक-एक सेकंड के अंतराल पर बंद हो गए. इसके कारण विमान ने अचानक ऊंचाई खो दी और अहमदाबाद के मेघाणीनगर क्षेत्र स्थित बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास पर जा गिरा. दुर्घटना में 242 यात्रियों और क्रू सदस्यों सहित कुल 274 लोगों की मौत हो गई. सिर्फ एक व्यक्ति ही जीवित बच पाया.
भ्रमित हो गए थे पायलट
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की रिकॉर्डिंग में सामने आया है कि हादसे के वक्त पायलट और को-पायलट के बीच ईंधन बंद होने को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रही. पायलट सुमित सभरवाल ने को-पायलट क्लाइव कुंदर से पूछा कि उसने फ्यूल क्यों बंद किया. जवाब मिला – “मैंने नहीं किया”.
क्या कहता है तकनीकी डेटा?
EAFR (विस्तारित एयरफ्रेम उड़ान रिकॉर्डर) और कॉकपिट रिकार्डर के अनुसार, विमान ने 180 नॉट्स की रफ्तार पकड़ी थी और उसी समय दोनों इंजन बंद हो गए. ईंधन कट-ऑफ के साथ ही इंजन की गति तेजी से घटने लगी. इसके बाद पायलटों ने इंजन को दोबारा चालू करने की कोशिश की. इंजन-1 तो चालू हो गया, लेकिन इंजन-2 ने काम नहीं किया. विमान महज 32 सेकंड हवा में रहा.
फ्यूल में नहीं थी कोई खराबी
जांच में पाया गया है कि विमान में भरा गया ईंधन पूरी तरह से मानक के अनुसार था. फ्यूल टैंक और बाउजर से लिए गए नमूने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की लैब में जांचे गए, जिनमें किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं मिली.
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RAM एयर टर्बाइन हुई सक्रिय
टेकऑफ के तुरंत बाद रैम एयर टर्बाइन (RAT) सक्रिय हो गई थी. यह इमरजेंसी पावर सप्लाई सिस्टम तभी सक्रिय होता है जब इंजन बंद हो जाएं. यह हवा से घूमती एक छोटी टरबाइन होती है, जो हाइड्रॉलिक और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करती है.
थ्रस्ट लीवर और गियर सामान्य स्थिति में
रिपोर्ट में फ्लैप सेटिंग (5 डिग्री), गियर पोजीशन और थ्रस्ट लीवर टेकऑफ की सामान्य स्थिति में पाए गए. यह दिखाता है कि उड़ान के दौरान कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं हुआ था.
रिपोर्ट ने पक्षियों के टकराने की संभावना से स्पष्ट रूप से इनकार किया है. किसी प्रकार का टकराव, बाहरी क्षति या बर्ड स्ट्राइक का कोई सबूत नहीं मिला.
दर्दनाक दृश्य, कॉलेज में भी गई जानें
विमान मेडिकल कॉलेज के छात्रावास पर गिरा, जहां 9 छात्र और उनके परिजन भी इसकी चपेट में आ गए. दुर्घटना के बाद फैली आग से पूरा परिसर धधक उठा. AI-171 ने 12 जून को दोपहर 1:39 बजे उड़ान भरी थी. विमान का अंतिम सिग्नल 625 फीट की ऊंचाई से मिला. एक पायलट ने ‘मेडे-मेडे’ की कॉल दी थी लेकिन कोई उत्तर नहीं आया. इसके बाद आपात सेवाओं को सक्रिय किया गया और 08:14:44 बजे फायर टेंडर रवाना किया गया.
रिपोर्ट में बोइंग 787-8 विमान संचालकों के खिलाफ किसी कार्रवाई की सिफारिश नहीं की गई है. एअर इंडिया ने कहा है कि वह जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग दे रही है और जांच पूरी होने तक कोई विस्तृत टिप्पणी नहीं की जाएगी.
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