
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में किए गए आह्वान के अनुसार, आयुष मंत्रालय ने युवा विद्यार्थियों को वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में सक्रिय रूप से शामिल करने की पहल शुरू की है. यह पहल विशेष रूप से उन विद्यार्थियों के लिए है जो वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रति अपनी जिज्ञासा को बढ़ावा देने के इच्छुक हैं. इस पहल के माध्यम से छात्रों को प्रयोगशालाओं में काम करने, उन्नत उपकरणों का उपयोग करने और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के साथ आधुनिक वैज्ञानिक प्रगति को समझने का अवसर मिल रहा है.
प्रधानमंत्री की प्रेरणा से आगे बढ़ी पहल
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम में विद्यार्थियों को अनुसंधान प्रयोगशालाओं, तारामंडल, अंतरिक्ष केंद्रों और विज्ञान संस्थानों का दौरा करने के लिए प्रेरित किया था. आयुष संस्थानों ने इसी दिशा में कदम बढ़ाया और छात्रों को वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने, अत्याधुनिक तकनीकों का अध्ययन करने और आयुष प्रणालियों की विशाल क्षमता को समझने का मौका दिया.
विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक दौरे
इस पहल के अंतर्गत, 19 फरवरी 2025 को एमिटी विश्वविद्यालय, जयपुर के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर का दौरा किया. यहां विद्यार्थियों को श्वसन प्रणाली पर विशेष ध्यान देने के साथ उन्नत उपकरणों और मशीनरी का प्रत्यक्ष अनुभव हुआ. बॉडी प्लेथीस्मोग्राफ, सीपीईटी और 3डी वीआर लैब जैसे उपकरणों का उपयोग करते हुए विद्यार्थियों ने स्वास्थ्य देखभाल अनुसंधान में इन उपकरणों की भूमिका को समझा.
होम्योपैथी अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित
28 फरवरी 2025 को, डॉ. गुरुराजू सरकारी होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों ने केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) के क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान, गुडीवाड़ा का दौरा किया. इस दौरान विद्यार्थियों को होम्योपैथी में प्रयोग होने वाले उपकरणों और अनुसंधान विधियों की जानकारी दी गई, और डॉ. किशन बनोथ ने पारंपरिक चिकित्सा में वैज्ञानिक जांच के महत्व पर प्रकाश डाला.
योग और प्राकृतिक चिकित्सा के वैज्ञानिक अध्ययन का अनुभव
कैप्टन जयलाल एकेडमिक स्कूल, गुरुग्राम के विद्यार्थियों ने केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, झज्जर का दौरा किया. इस यात्रा ने विद्यार्थियों को योग और प्राकृतिक चिकित्सा के वैज्ञानिक सिद्धांतों से परिचित कराया और आधुनिक पद्धतियों के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के अध्ययन का अनूठा अवसर प्रदान किया.
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस और विद्यार्थियों का उत्साह
2025 के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम, ‘विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना’, इस पहल की भावना के अनुरूप है. इन यात्राओं ने न केवल विद्यार्थियों में शोध के प्रति जुनून पैदा किया, बल्कि भारत के विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में भविष्य के नेताओं को तैयार करने के दृष्टिकोण को भी मजबूत किया.
प्रतिक्रिया और भविष्य की दिशा
इन दौरों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों ने इस अवसर के लिए अपनी उत्सुकता और सराहना व्यक्त की. कई छात्रों ने आयुष क्षेत्र में काम कर रहे वैज्ञानिकों से प्रेरित होकर पारंपरिक चिकित्सा अनुसंधान में करियर बनाने की इच्छा व्यक्त की. संकाय सदस्यों और संस्थागत प्रतिनिधियों ने इस पहल की सराहना की, क्योंकि इस तरह की बातचीत से छात्रों को स्वास्थ्य देखभाल और नवाचार के वैज्ञानिक प्रक्रियाओं की गहरी समझ मिली.
आयुष मंत्रालय की प्रतिबद्धता
आयुष मंत्रालय ने इन पहलों के माध्यम से युवाओं में वैज्ञानिक स्वभाव और जिज्ञासा को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई है. सकारात्मक प्रतिक्रिया से उत्साहित होकर मंत्रालय पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के बीच पुल बनाने के लिए इसी प्रकार की पहलों का विस्तार करने के लिए तत्पर है.
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