
बहरागोड़ा : शनिवार को बहरागोड़ा प्रखंड के कुमारडूबी पंचायत भवन में ग्राम प्रधानों का एक बैठक कूंज बिहारी दास के अध्यक्षता में संपन्न हुई. इस बैठक में ग्राम सभा सशक्तिकरण तथा पेसा कानून मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया. उक्त बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में पारंपरिक ग्राम प्रधान संघ के अध्यक्ष अरुण बारिक उपस्थित थे. उन्होंने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि ग्राम सभा को सशक्तिकरण करने की आवश्यकता है. इससे गांव की परम्परा और पूर्वजों के विरासत को संरक्षित करना है. ग्राम सभा में ग्रामवासियों की भागीदारी सुनिश्चित हो, समय-समय पर नियमित ग्राम सभा का आयोजन करना आवश्यक है.
ग्राम प्रधानों को जागरूक होना होगा
गांव का विकास, सांस्कृति, पारंपरिक पूजा पाठ , सामाजिक अनुष्ठानों का संचालन पूर्वजों की तरह सभी को मिलजुल कर करना है. साथ ही उन्होंने कहा कि गांव में सबका अधिकार -सबका राज व्यवस्था को मजबूत बनाने की आवश्यकता है. गांव में विभिन्न जाति, समाज के लोग निवास करते हैं और सब मिलजुल कर गांव में अपनी-अपनी भाषा, संस्कृति रीति रिवाज के अनुसार व्यवस्था संचालित है. उन्होंने कहा कि झारखंड के 13 जिले पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र के अन्तर्गत आते हैं. इसमें पूर्वी सिंहभूम भी शामिल है. बारिक ने कहा है कि ग्राम प्रधानों को जागरूक होना है. सरकार पेसा नियमावली बना रही है , पेसा लागू करने से ग्राम प्रधानों की जिम्मेदारी ओर बढ़ेगी. उन्होंने ग्राम प्रधानों को संगठित होने का आह्वान किया है. इस मौके पर कुमारडुबी पंचायत कमिटी का गठन किया गया, जिसमें देवाशिष कुईला को अध्यक्ष एवं सुजित कुमार विशाल को सचिव चुने गए. बैठक में पारंपरिक ग्राम प्रधान संघ के कोकिल महतो, गिरीश महतो, गोप बन्धु मिश्रा, लक्ष्मण सोरेन, काली किंकर बटवाल, नीलकंठ नायेक, सुजीत भद्र, सनातन देहुरी, सुजीत विशाल, देवाशीष कुईला, कान्हाओं लाल मुर्मू, शिवशंकर साव आदि उपस्थित थे.