
जादूगोड़ा: लगातार मूसलाधार बारिश और स्वर्णरेखा नदी के उफान ने जादूगोड़ा स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कैंप को अपनी चपेट में ले लिया है. नदी का जलस्तर अचानक इतना बढ़ गया कि कैंप परिसर पूरी तरह जलमग्न हो गया.
इस आपदा में सबसे अधिक नुकसान उस मधुमक्खी पालन क्षेत्र को हुआ है, जिसे जवानों ने आत्मनिर्भरता और जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विकसित किया था. महीनों की मेहनत से तैयार यह क्षेत्र अब पूरी तरह तबाह हो चुका है. लाखों रुपये की क्षति का अनुमान लगाया जा रहा है.
कैंप के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थिति को अत्यंत गंभीर बताया है. उनका कहना है कि जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे कैंप के अंदर हालात चिंताजनक हो चुके हैं. जवानों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
स्थानीय प्रशासन और सीआरपीएफ मिलकर राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय हैं. लेकिन बारिश की निरंतरता और नदी के बढ़ते बहाव ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. यह घटना केवल पर्यावरणीय हानि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जवानों की वैकल्पिक आजीविका को भी चोट पहुंचा रही है.
प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. दूसरी ओर क्षेत्रवासियों ने मांग की है कि इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक और स्थायी उपाय किए जाएं, ताकि भविष्य में दोहराव न हो.
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