
सरायकेला: जिला समाहरणालय स्थित सभागार में सोमवार को उपायुक्त नितिश कुमार सिंह की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई. बैठक का उद्देश्य जिले की शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावी, समावेशी और परिणामोन्मुख बनाना था.
उपायुक्त ने बायोमेट्रिक उपस्थिति, विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा प्राप्त राशि के पारदर्शी उपयोग, सुव्यवस्थित इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट क्लास, ICT लैब, पुस्तकालय और शैक्षणिक वातावरण की गुणवत्ता पर विशेष बल दिया.
उन्होंने कहा कि इन सभी बिंदुओं पर गंभीरता से कार्य करते हुए विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना आवश्यक है.
सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करें. निरीक्षण के दौरान शैक्षणिक गतिविधियों, संसाधनों और आवश्यकताओं की समीक्षा कर त्वरित रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेजें.
उपायुक्त के निर्देश: सुधार के लिए प्राथमिक बिंदु
- विद्यालयों में पेयजल, शौचालय और मरम्मत जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं.
- ड्रॉपआउट बच्चों की पहचान कर उनका पुनः नामांकन सुनिश्चित किया जाए.
- बिना आधार या जन्म प्रमाणपत्र वाले बच्चों के लिए आवेदन लेकर प्रक्रिया पूरी कराई जाए.
- सभी विद्यार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित किया जाए.
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि जो विद्यालय ई-विद्या वाहिनी पोर्टल पर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे हैं, उन्हें कारण बताओ नोटिस (शोकॉज) जारी किया जाए. साथ ही पोर्टल पर समयबद्ध डेटा एंट्री सुनिश्चित की जाए.
सिंह ने स्पष्ट कहा कि शिक्षा व्यवस्था के संचालन में सभी की जवाबदेही समान रूप से तय है. योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई भी लापरवाही क्षम्य नहीं होगी. दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
समीक्षा बैठक में उप विकास आयुक्त रीना हांसदा, जिला शिक्षा पदाधिकारी कैलाश मिश्रा, सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, BRP, CRP सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे.
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