सरायकेला: नगर पंचायत सरायकेला के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने गुरुवार को उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपते हुए जमीन की सर्किल दर और स्टांप ड्यूटी में हो रही मनमानी बढ़ोतरी पर गहरी चिंता जताई. उन्होंने इसे बाजार दर से कई गुना अधिक बताते हुए आम लोगों पर आर्थिक बोझ बताया.
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि राज्य सरकार हर दो वर्षों में 1 अगस्त से भूमि की निबंधन दरें बढ़ाती है, ताकि सरकार को वास्तविक बाजार दर के अनुसार राजस्व मिल सके. इसके लिए पहले सर्वेक्षण कर वास्तविक आंकड़ों के आधार पर दर तय की जाती थी.
लेकिन अब विभागीय दिशा-निर्देशों को दरकिनार कर, बिना सर्वे के सर्किल दरें बढ़ाई जा रही हैं. इससे न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की जमीनों और फ्लैट्स की कीमतें अस्वाभाविक रूप से बढ़ गई हैं.
पूर्व उपाध्यक्ष के अनुसार, “फ्लैट्स का बाजार मूल्य 2700 से 2800 रुपये प्रति वर्गफुट है, लेकिन नई सर्किल दर 4000 रुपये तक पहुंचने की संभावना है. इससे स्टांप ड्यूटी बहुत अधिक हो जाती है और आम लोग रजिस्ट्री कराने से पीछे हट जाते हैं.”
लोग मजबूरी में एग्रीमेंट जैसे वैकल्पिक उपायों की ओर रुख कर रहे हैं. इससे सरकार को भी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है.
मनोज चौधरी ने मांग की है कि “जमीन के सर्किल दरों का निर्धारण पूर्व की तरह स्थानीय सर्वेक्षण और वास्तविक बाजार मूल्य के आधार पर किया जाए, ताकि आम नागरिकों के लिए रजिस्ट्री कराना सुलभ हो सके.”
इस ज्ञापन की प्रतिलिपि राज्य के राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार मंत्री, विभागीय सचिव, सरायकेला-खरसावां के अपर उपायुक्त और जिला निबंधन पदाधिकारी को भी भेजी गई है, ताकि इस विषय में आवश्यक कार्यवाही की जा सके.
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