
गम्हरिया: रापचा पंचायत के पदमपुर गांव में रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता ग्राम प्रधान कृष्णा बास्के ने की. ग्रामीणों ने एकमत होकर घोषणा की कि गांव की सरकारी जमीन बिना ग्रामसभा की स्वीकृति के किसी को भी नहीं दी जाएगी.
वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष विरोध का निर्णय
बैठक में तय किया गया कि यदि बिना ग्रामसभा की अनुमति के भूमि आवंटन होता है, तो ग्रामीण वरीय पदाधिकारियों के समक्ष संगठित होकर विरोध दर्ज कराएंगे.
सरकारी जमीन का सामाजिक उपयोग
ग्राम प्रधान कृष्णा बास्के ने बताया कि गांव में मात्र एक सरकारी भूमि है, जिसका वर्षों से ग्रामीण सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए उपयोग करते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिस जमीन को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ है, उस पर डिग्री कॉलेज, अस्पताल और विद्यालय निर्माण हेतु ग्रामसभा ने सरकार को प्रस्ताव भी भेजा है.
दावे का स्वागत, मगर शर्तों के साथ
बास्के ने स्पष्ट किया कि ग्रामीणों को किसी के प्रति निजी द्वेष नहीं है. यदि कोई व्यक्ति वैध रूप से ग्रामसभा द्वारा पारित कागजात प्रस्तुत करता है, तो ग्रामीण उसका विरोध नहीं करेंगे. परंतु बिना प्रमाणित स्वीकृति के यदि कोई दावा करता है, तो सरकारी भूमि को बचाने के लिए ग्रामीण संघर्ष जारी रखेंगे.
महिला-पुरुषों की बड़ी भागीदारी
बैठक में गौतम महतो, मधु सिंह सरदार, राजेश भगत, इंद्रो मुर्मू, राम हांसदा, धरमू माझी, बिरमल टुडू, बिरधान बास्के, संजय बास्के, धनंजय बास्के समेत बड़ी संख्या में महिला-पुरुष ग्रामीण उपस्थित रहे. सभी ने गांव के हित में एकजुट रहने का संकल्प लिया.
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