
जमशेदपुर: जमशेदपुर समाहरणालय सभागार में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में नार्कोटिक्स समन्वय समिति (NCORD) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस अवसर पर वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान, एसडीएम धालभूम शताब्दी मजूमदार, एसडीएम घाटशिला सुनील चंद्र सहित अन्य विभागीय पदाधिकारी उपस्थित रहे.
बैठक में एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत दर्ज मामलों की समीक्षा की गई और नशीले पदार्थों के उत्पादन, प्रसंस्करण व तस्करी की रोकथाम हेतु रणनीति पर विमर्श हुआ. उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि विभिन्न विभागों के आपसी समन्वय से ही नशा विरोधी अभियान को सफल बनाया जा सकता है.
दवा दुकानों पर सख्ती, ड्रग पेडलर्स पर कार्रवाई के निर्देश
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि बिना चिकित्सकीय परामर्श के प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री रोकी जाए. सभी मेडिकल दुकानों को यह सूची सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने का आदेश दिया गया है. नशीली दवाओं के दुरुपयोग व अवैध व्यापार पर ठोस कार्रवाई की बात दोहराई गई. साथ ही, संभावित मादक फसलों की खेती वाले क्षेत्रों की मासिक रिपोर्ट जिला कृषि पदाधिकारी से मांगी गई है.
शिक्षण संस्थानों में चलेगा विशेष जागरूकता अभियान
थाना स्तर पर सरकारी व निजी स्कूलों के प्राचार्यों के साथ बैठक आयोजित कर जागरूकता बढ़ाने की रणनीति बनी. पैरेंट्स-टीचर मीटिंग को इस अभियान से जोड़ा जाएगा. अगले तीन माह तक स्कूलों में विशेष जागरूकता अभियान चलाने का आदेश शिक्षा विभाग को दिया गया. स्कूल परिसरों के 100 गज के दायरे में मादक पदार्थों की बिक्री रोकने हेतु अभियान चलाने का निर्देश भी दिया गया.
जन सहभागिता और पुनर्वास की दिशा में पहल
जनहित को ध्यान में रखते हुए ड्रग कंट्रोल हेल्पलाइन नंबर जारी करने की योजना पर सहमति बनी, जिससे आम नागरिक नशे से जुड़ी जानकारी गोपनीय रूप से साझा कर सकें. नशे के शिकार लोगों व उनके परिवारों के लिए काउंसलिंग व पुनर्वास केंद्रों की व्यवस्था करने की बात कही गई. इन केंद्रों से जुड़े लोगों को स्वरोजगार व सरकारी योजनाओं से जोड़ने की भी पहल की जाएगी.
अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति
बैठक में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, डीएसपी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, तीनों नगर निकायों के सहायक नगर आयुक्त, डालसा प्रतिनिधि, ड्रग इंस्पेक्टर समेत अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे.
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