जमशेदपुर: लद्दाख के पर्यावरणविद्, शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के खिलाफ सोमवार को पूर्वी सिंहभूम जिले के झारखंडी समाज ने जमशेदपुर में प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की और लद्दाख की न्यायपूर्ण मांगों — छठी अनुसूची, राज्य का दर्जा और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार — का समर्थन किया।
वक्ताओं ने कहा कि सोनम वांगचुक ने लद्दाख में जल संरक्षण, सौर ऊर्जा, सतत विकास और स्थानीय शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। “आईस स्टूपा प्रोजेक्ट” जैसी उनकी पहल ने हिमालयी पारिस्थितिकी को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। ऐसे व्यक्ति की गिरफ्तारी को उन्होंने लोकतंत्र और पर्यावरण दोनों पर सीधा हमला बताया।
सभा में वक्ताओं ने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार शांतिपूर्ण आंदोलनों को दबाने की परंपरा बना चुकी है। जो भी संविधान, पर्यावरण और जनता के अधिकारों की बात करता है, उसे देशविरोधी बताकर जेल भेज दिया जाता है। उन्होंने कहा कि लद्दाख की आवाज को दबाना दरअसल भारत के जनसंघर्षों की आवाज को कुचलने जैसा है।
झारखंडी समाज ने रखीं ये प्रमुख मांगें
1️⃣ सोनम वांगचुक और अन्य प्रदर्शनकारियों की तत्काल रिहाई
2️⃣ लद्दाख को छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा प्रदान किया जाए
3️⃣ स्थानीय युवाओं के लिए स्थायी रोजगार सुनिश्चित किए जाएं
4️⃣ लद्दाख के प्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित कर न्यायपूर्ण समाधान निकाला जाए
प्रतिनिधियों ने कहा कि जैसे झारखंड ने अपने अस्तित्व के लिए लंबा संघर्ष किया, वैसे ही लद्दाख की लड़ाई भी पहचान, पर्यावरण और आत्मसम्मान की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि लोकतंत्र की आवाज को लगातार कुचला गया, तो देशभर के नागरिक सड़कों पर उतरने को विवश होंगे।
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