
जमशेदपुर: बिष्टुपुर स्थित सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के पांचवें दिन शनिवार को श्रद्धालु कृष्ण लीलाओं में डूब गए. कथा वाचन कर रहे भागवत भ्रमर आचार्य श्री मयंक जी महाराज ने बाल कृष्ण की शरारतों और गोवर्धन लीला का वर्णन कर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया.
महाराज जी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने बाल्यकाल में ग्वाल मित्रों के साथ मिलकर गोपियों के घर से माखन चुराया. यह लीला सिर्फ एक शरारत नहीं थी, बल्कि प्रेम, सरलता और सामूहिकता का प्रतीक थी.
आगे उन्होंने गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा सुनाई, जहां श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर पर्वत को उठाकर इंद्रदेव के अभिमान को खंडित किया और ब्रजवासियों को वर्षा से बचाया. यह प्रसंग भक्तों के बीच रोमांच और भक्ति का संगम बन गया.
कथा में बताया गया कि गोवर्धन पूजा के उपरांत गोकुलवासियों ने भगवान श्रीकृष्ण को छप्पन भोग अर्पित किया, जो भक्ति और समर्पण का प्रतीक है. इसी प्रसंग पर श्रद्धालुओं ने भव्य झांकी और गोवर्धन लीला की प्रस्तुति भी देखी. आयोजन स्थल पर उत्सव का माहौल बना रहा.
महाराज जी ने कहा कि श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में धर्म की पुनर्स्थापना हेतु अवतार लिया. बाल्य अवस्था में ही उन्होंने कंस द्वारा भेजे गए राक्षसों जैसे पूतना, बकासुर और कालीय नाग का वध किया. उन्होंने यमुना को पवित्र किया और ब्रजभूमि को आतंक से मुक्त कराया.
कंस वध कर माता-पिता देवकी-वासुदेव व नाना उग्रसेन को कारावास से मुक्ति दिलाई. गोवर्धन पूजा के माध्यम से उन्होंने प्रकृति पूजा का भी संदेश दिया.
रविवार को छठे दिन मयंक महाराज श्रीकृष्ण की रासलीला और रूक्मिणी विवाह की कथा सुनाएंगे. इन प्रसंगों में भक्ति और प्रेम की पराकाष्ठा देखने को मिलेगी.
शनिवार को मुख्य यजमान के रूप में गगन रुस्तगी, ललित डांगा, सुधीर अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, मुरारीलाल अग्रवाल, मनीष सिंघानिया, प्रवीण भालोटिया, कविता अग्रवाल, महावीर अग्रवाल, धीरज चौधरी, मनोज खेमका, विवेक चौधरी सहित कई गणमान्यजन उपस्थित रहे. यह आयोजन श्री श्याम भटली परिवार जमशेदपुर एवं भयली महिला मंडल सोनारी द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है. प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण के लिए उपस्थित हो रहे हैं और भक्ति भाव से कथा का रसपान कर रहे हैं.
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