
पोटका: पोटका प्रखंड के रोलाडीह गांव में पेयजल स्वच्छता विभाग द्वारा डीएमएफटी फंड से निर्मित जल मीनार पिछले डेढ़ साल से खराब पड़ा है. इस समस्या को लेकर पंचायत समिति सदस्य छवि दास और स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार विभाग से मरम्मत की मांग की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
डेगची, बाल्टी लेकर निकाली रैली, उग्र प्रदर्शन
विभाग की अनदेखी से नाराज ग्रामीणों ने रविवार को जल मीनार के सामने डेगची, हांडी और बाल्टी लेकर रैली निकाली और उग्र प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर जल मीनार की मरम्मत नहीं कराई गई, तो व्यापक आंदोलन शुरू किया जाएगा.
पानी के लिए जद्दोजहद, पढ़ाई भी हो रही प्रभावित
छात्रा सुजाता सरदार और किरण सरदार ने बताया कि उन्हें रोज सुबह से ही पानी के लिए भटकना पड़ता है. लंबी कतारों में खड़े होकर पानी लाना पड़ता है, जिससे स्कूल जाने में देरी होती है और पढ़ाई प्रभावित हो रही है. कई बार तो पूरा दिन पानी भरने में ही बीत जाता है.
तालाब का पानी छोड़ अब चापाकल से लाना पड़ रहा पानी
ग्रामीण आनंद दास, सुजाता सरदार और अन्य ने बताया कि भीषण गर्मी में शुद्ध पेयजल के लिए सालोयडीह और बांधडीह जैसे दूर के गांवों से डेढ़ से दो किलोमीटर पैदल चलकर पानी लाना पड़ रहा है. पंचायत प्रतिनिधि छवि दास ने बताया कि पहले लोग तालाब का पानी पीने को मजबूर थे. उन्होंने मना किया तो अब महिलाएं दूर जाकर चापाकल से पानी ला रही हैं. इससे अधिकांश महिलाओं का समय पानी लाने में ही बीत जाता है.
ग्रामीणों ने जताई गहरी नाराजगी
ग्रामीणों का कहना है कि पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा के अभाव में जीवन कठिन होता जा रहा है. उन्होंने मांग की कि जल्द से जल्द जल मीनार की मरम्मत कराकर नियमित जलापूर्ति बहाल की जाए, ताकि उन्हें इस संकट से निजात मिल सके.
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