Ranchi: जबरन भूमि अधिग्रहण और मारपीट के विरोध में एकजुट हुए किसान, किया जोरदार प्रदर्शन

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मुरी:  11 जुलाई को जबरन भूमि अधिग्रहण और किसानों पर की गई बर्बर मारपीट के विरोध में 18 जुलाई को आसनबनी में हजारों किसानों ने विशाल विरोध सभा और प्रदर्शन किया. प्रदर्शन स्थल पर ‘जान देंगे, जमीन नहीं देंगे’, ‘कंपनी राज नहीं चलेगा’, ‘दोषी अधिकारियों को गिरफ्तार करो’ जैसे नारों से माहौल गूंज उठा.

किसानों से जबरन भूमि अधिग्रहण और बर्बर हिंसा
आसनबनी क्षेत्र में कल्याणेश्वरी टासरा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड (सेल कंपनी) द्वारा भूमि अधिग्रहण को लेकर उत्पन्न तनाव ने तब उग्र रूप लिया जब 11 जुलाई को विरोध में जुटे किसानों—खासकर महिलाओं—को जबरन घसीट कर मारा-पीटा गया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कंपनी ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग से यह हिंसक कार्रवाई की, जो 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून का स्पष्ट उल्लंघन है.

विरोध में उमड़ी किसानों की एकजुटता
विरोध सभा को संबोधित करते हुए झारखंड राज्य किसान सभा के अध्यक्ष व माकपा राज्य सचिवमंडल सदस्य सुफल महतो ने तीखे शब्दों में कहा कि कंपनी का यह कृत्य अंग्रेजी हुकूमत की याद दिलाता है. उन्होंने कहा कि:

“झारखंड के किसान एक इंच जमीन भी कंपनी को नहीं देंगे. 2013 के कानून में स्पष्ट है कि 80% रैयतों की सहमति, 4 गुना बाजार दर पर मुआवजा, और नौकरी की शर्तें जरूरी हैं. यहां सबकुछ ताक पर रखकर किसानों के साथ बर्बरता की गई.”

उन्होंने दिल्ली के ऐतिहासिक किसान आंदोलन, सोनहातु में जिंदल प्रोजेक्ट की वापसी और कोयलकारो परियोजना के रद्द होने का हवाला देते हुए कहा कि अन्नदाताओं की ताकत को कोई कम नहीं आंक सकता.

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राजनीतिक समर्थन और घोषणाएं
सभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने घोषणा की कि:

“यह मुद्दा विधानसभा के भीतर और बाहर जोरशोर से उठाया जाएगा. जबरन भूमि अधिग्रहण और किसान उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”

माले विधायक चन्द्रदेव महतो ने कहा कि झारखंड में कंपनी राज नहीं चलेगा. उन्होंने किसानों के संघर्ष को अपना समर्थन दिया.

सभा को माकपा के धनबाद जिला सचिव एस. के. घोष, मजदूर नेता सुंदरलाल महतो, किसान नेता संतोष महतो, पलसुराम महतो, विकास ठाकुर, रामू मंडल, योगेंद्र महतो, सूर्य कुमार सिंह, गौतम प्रसाद, रानी मिश्रा, सबिता देवी, काली सेनगुप्ता, अमृत महतो, रैयत अनिल मांझी, सुनील मांझी सहित कांग्रेस नेत्री अनुपमा सिंह ने भी संबोधित किया. सभी वक्ताओं ने एक स्वर में प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े किए और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की.

 

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