
सरायकेला: झारखंड मानवाधिकार संघ के अध्यक्ष दिनेश कुमार किनू ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक अनियमितताओं पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि झारखंड सरकार में भ्रष्टाचार गहराता जा रहा है और कई अधिकारी राजनीतिक संरक्षण में नियमों को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं.
दिनेश कुमार किनू ने सुवर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना, आदित्यपुर के टंकक प्रसेनजीत घोष का उदाहरण देते हुए कहा कि वे बीते 20 वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत हैं. जबकि उनके स्थानांतरण के आदेश कार्यपालक अभियंता, बांध एवं बराज रूपांकण प्रमंडल जमशेदपुर द्वारा पहले ही जारी किए जा चुके हैं.
यह भी बताया गया कि मुख्यमंत्री कार्यालय और अवर सचिव संजय कुमार समेत कई स्तरों से घोष को उनके मूल विभाग में पदस्थापित करने के आदेश 2016 से बार-बार जारी किए गए. बावजूद इसके, हर बार आदेशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
अध्यक्ष किनू का आरोप है कि यह मामला सिर्फ एक कर्मचारी का नहीं, बल्कि पूरे तंत्र की लचरता और भ्रष्टाचार की पोल खोलता है. घोष लगातार नियमों की अनदेखी कर रहे हैं और अधिकारियों की मिलीभगत से पद पर बने हुए हैं.
मानवाधिकार संघ ने यह स्पष्ट किया कि यह मामला प्रशासनिक अनुशासन और पारदर्शिता की असफलता का उदाहरण है. ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की गई है ताकि सरकारी आदेशों की गरिमा बहाल हो सके.
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