
पोटका : तिरिलडीह हाई स्कूल में आज “गाजुड़” संस्था के संस्थापक और एलआईसी के पूर्व पदाधिकारी जन्मेजय सरदार द्वारा कक्षा 11 के विद्यार्थियों के लिए मोटिवेशनल क्लास का आयोजन किया गया. इस सत्र में उन्होंने छात्र जीवन की दिशा और सफलता के मूल मंत्रों पर विस्तार से चर्चा की.
छात्र जीवन को सफल बनाने के सूत्र
सत्र के दौरान जन्मेजय सरदार ने छात्रों को कई प्रेरणादायक बातें बताईं. उन्होंने बताया कि:
- आलस्य सफलता का शत्रु है. जो छात्र जीवन में आलसी होते हैं, वे कभी आगे नहीं बढ़ पाते.
- क्रोध से बचें. क्रोध बुद्धि को नष्ट कर देता है और निर्णय क्षमता को कमजोर करता है.
- साहस विकसित करें. डर सपनों की राह में बाधा है, इससे बाहर निकलना जरूरी है.
- ईर्ष्या से दूर रहें. यह शांति और मानसिक संतुलन को नष्ट कर देती है.
- अहंकार से बचें. इससे आत्मविकास रुक जाता है.
- संदेह न पालें. यह आत्मविश्वास को समाप्त करता है.
उन्होंने यह भी कहा कि जीवन में हताशा, निराशा या दुख से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि हर चुनौती को स्वीकार करना चाहिए.
करियर मार्गदर्शन भी दिया
मोटिवेशनल सत्र के अंत में सरदार ने 12वीं के बाद करियर की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने बताया:
डॉक्टर बनने के लिए NEET (National Eligibility Entrance Test) देना होता है.इंजीनियर बनने के लिए JEE Main और JEE Advanced जैसी परीक्षाएं होती हैं, जिनमें सफल होने पर देश के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे NIT और IIT में प्रवेश मिलता है.
इस सत्र के माध्यम से विद्यार्थियों को न केवल जीवन के महत्वपूर्ण मूल्य समझने को मिले, बल्कि उन्होंने अपने करियर को लेकर भी स्पष्टता पाई. शिक्षकों ने भी इसे उपयोगी और मार्गदर्शक सत्र बताया.
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