
गुआ: गुआ स्थित जगन्नाथ मंदिर में देवस्नान पूर्णिमा पर्व को अत्यंत श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया. सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. पुजारियों द्वारा भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा एवं सुदर्शन को विधिपूर्वक रत्नवेदी से स्नान मंडप तक लाया गया.
सुगंधित जल से हुआ देवताओं का स्नान
चतुर्धा मूरत को सुगंधित एवं पवित्र जल से स्नान कराया गया.
भगवान जगन्नाथ को 35 कुम्भ
बलभद्र जी को 33 कुम्भ
देवी सुभद्रा को 22 कुम्भ
सुदर्शन जी को 18 कुम्भ जल से स्नान कराया गया.
इसके पश्चात सभी विग्रहों को गजानन वेश में सुसज्जित किया गया, जिसे देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे.
स्नान के बाद ‘अनवस्था काल’ शुरू
परंपरागत मान्यता के अनुसार, स्नान के बाद सुदर्शन सहित तीनों विग्रहों को ‘अस्वस्थ’ माना जाता है. अगले पंद्रह दिनों तक गर्भगृह में इन्हें दशमूलारिष्ट औषधियों से उपचार दिया जाएगा. इस अवधि को ‘अनवस्था काल’ कहा जाता है. इसके उपरांत भगवान नवयौवन वेश में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे और रथ यात्रा हेतु मौसीबाड़ी की ओर प्रस्थान करेंगे.
इस पावन अवसर पर गुआ महिला समिति की अध्यक्षा स्मिता भास्कर ने गांव की सुख-शांति एवं समृद्धि के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.
इस धार्मिक आयोजन में दयानिधि दलाई, सुभाष पृष्टि, दिब्यां पंडा, जितेंद्र पंडा, सुमित महापात्र, संतोष बेहरा, राजेश पात्रों समेत बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु उपस्थित रहीं. श्रद्धा, संस्कृति और आस्था का यह आयोजन वर्षों से गुआ की पहचान बना हुआ है.
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