
सरायकेला: रेलवे सुरक्षा बल (RPF), चांडिल पोस्ट की तत्परता से एक 12 वर्षीय नाबालिग बालक को ‘नन्हे फरिश्ते ऑपरेशन’ के अंतर्गत बचाकर चाइल्ड हेल्पलाइन के हवाले किया गया. यह कार्रवाई मानवता और सतर्कता का जीवंत उदाहरण बन गई.
14 जुलाई 2025 को चांडिल स्टेशन पर ड्यूटी पर तैनात स्टेशन स्टाफ और एक आरपीएफ अधिकारी नियमित जांच कर रहे थे. इस दौरान प्लेटफॉर्म संख्या-3 पर एक नाबालिग बालक अकेला और रोता हुआ मिला. पूछताछ करने पर उसने अपना नाम मंगल कुमार, उम्र लगभग 12 वर्ष, पिता मनोज दास, निवासी लाहाकोठी, कांड्रा (सरायकेला-खरसावां) बताया.
हालांकि वह अपने माता-पिता से जुड़ी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सका. आगे पूछे जाने पर उसने उनके मोबाइल नंबर बताए.
जांच में पता चला कि बच्चा चांडिल के एक गैरेज में कार्यरत था और कांड्रा स्थित अपने घर लौटने की कोशिश में रास्ता भटक गया था. स्टेशन पहुंचने के बाद वह अकेला और घबराया हुआ था. तत्काल उसे आरपीएफ पोस्ट, चांडिल लाया गया, जहां मैत्रीपूर्ण माहौल में उसकी देखभाल की गई.
सभी औपचारिकताओं और पुष्टि के बाद, बच्चे को सरायकेला-खरसावां जिला चाइल्ड हेल्पलाइन (Jharkhand) के प्रतिनिधि को सौंप दिया गया. यह पूरी प्रक्रिया मानवता और जिम्मेदारी का प्रतीक बनी रही.
आरपीएफ पोस्ट प्रभारी अजीत कुमार ने जानकारी दी कि ऐसे मामलों में त्वरित प्रतिक्रिया और भावनात्मक सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. “हमारी टीम ने मानवता के नाते जो किया, वह हमारा कर्तव्य है,” उन्होंने कहा.
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