
बहरागोड़ा: बहरागोड़ा प्रखंड अंतर्गत चित्रेश्वर और बहुलिया गांव स्थित बाबा भूतेश्वर मंदिर में रविवार को पारंपरिक गाजन पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया. इस अवसर पर स्वर्णरेखा नदी में स्नान कर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की और नगर परिक्रमा करते हुए मंदिर पहुंचे.
परंपराओं से ओतप्रोत आस्था का प्रदर्शन
अनेकों श्रद्धालु जीभ में लोहे की कील और छड़ घोंपकर, अग्निपथ पर चलते हुए मंदिर परिसर में पहुंचे. वहां उन्होंने तीन बार परिक्रमा की और फिर आस्था के प्रतीकस्वरूप कीलें हटाईं. इस अनुष्ठान में श्रद्धा, तप और साहस की मिसाल देखने को मिली.
सदियों पुरानी परंपरा का निर्वहन
ग्रामवासी और मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि बाबा भूतेश्वर और बाबा चितेश्वर मंदिरों में यह पर्व सैकड़ों वर्षों से मनाया जाता रहा है. पुजारी अनिल दुबे, अजित दुबे, पिनाक दुबे और अशोक दुबे ने इस बार भी पूजा विधि का संचालन किया. भक्तों ने उसी परंपरा का निर्वहन करते हुए शिव के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की.
गोरियाभार शोभायात्रा बनी आकर्षण का केंद्र
रात्रि में पाटभोक्ता के नेतृत्व में गाजे-बाजे के साथ गोरियाभार शोभायात्रा निकाली गई. मंदिर पहुंचने के बाद गोरियाभार का पावन जल व्रतियों के बीच वितरित किया गया. जल ग्रहण कर सभी व्रतियों ने अपना व्रत पूर्ण किया.दोनों मंदिरों में गाजन पर्व के अवसर पर मेले का आयोजन हुआ. देर रात तक ग्रामीणों ने छऊ नृत्य का आनंद लिया. मंदिर परिसर श्रद्धा, संगीत और संस्कृति से सराबोर रहा.
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