
जमशेदपुर: जिले के खनन विभाग द्वारा पटमदा थाना में दर्ज प्राथमिकी और जब्त की गई मशीन की रिहाई को लेकर खनन क्षेत्र से जुड़े सुभाष कुमार शाही ने शुक्रवार को उपायुक्त अनन्य मित्तल को ज्ञापन सौंपा। शाही ने अपने ज्ञापन में जिला खनन निरीक्षक की कार्रवाई को MM (DR) Act, 1957 और Mines Act, 1952 के प्रावधानों के विरुद्ध बताया है।
कार्रवाई को बताया असंवैधानिक
शाही के अनुसार, पोखर की खुदाई के लिए भाड़े पर मंगाई गई मशीन को बिना वैध प्रक्रिया के जब्त किया गया, जबकि इस कार्यवाही में खनन अधिनियमों के स्पष्ट उल्लंघन हुए हैं। उन्होंने कहा कि JMMC Rules, 2004 के नियम-3 के तहत राज्य सरकार को यह स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी नियम केंद्र द्वारा पारित अधिनियमों के विरुद्ध नहीं होना चाहिए।
केंद्र और राज्य कानूनों का दिया हवाला
शाही ने अपने ज्ञापन में संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत केंद्र और राज्य सूची के प्रावधानों का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि MM (DR) Act, 1957 की प्रस्तावना के अनुसार, यह अधिनियम केवल केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले खनिजों के नियमन और विकास के लिए बनाया गया है। अतः राज्य सरकार या उसके अधिकारी इसके तहत निजी स्वामित्व वाले खनिजों पर कार्यवाही नहीं कर सकते।
EIA Notification और पर्यावरणीय सहमति पर भी रखी बात
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत जारी EIA Notification, 2006 सिर्फ उन्हीं खनन परियोजनाओं पर लागू होता है जो Mines Act, 1952 के अंतर्गत ‘माइन’ की परिभाषा में आती हैं। जिन खनिजों को इस अधिनियम से मुक्त किया गया है, उन पर यह अधिसूचना प्रभावी नहीं होती।
प्राथमिकी रद्द करने और मशीन रिहाई की मांग
सुभाष कुमार शाही ने डीसी से अनुरोध किया है कि इस मामले में जिला खनन निरीक्षक की कार्यवाही को MM (DR) Act की धारा 21 एवं 22 के प्रभावों से मुक्त घोषित किया जाए और न्यायालय को प्राथमिकी रद्द करने की अनुशंसा की जाए। साथ ही जब्त की गई मशीन को अविलंब मुक्त करने की मांग भी की गई है।
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