
बहरागोड़ा: झारखंड के बहरागोड़ा से 250 से अधिक कृष्ण भक्त श्री चैतन्य महाप्रभु की चरण पादुका लेकर ओडिशा के पुरी धाम की ओर 400 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा पर निकले। अंतर्राष्ट्रीय श्री श्री श्याम नंदी वैष्णव परिषद के सहयोग से यह यात्रा गोपीबल्लवपुर स्थित राधा-कृष्ण मंदिर से शुरू हुई है।
यात्रा को 20 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान भक्त “हरे कृष्णा” और “जय जगन्नाथ” का जाप करते हुए कीर्तन करेंगे। भक्तों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था रास्ते में अलग-अलग स्थानों पर की गई है।
इस धार्मिक यात्रा का मुख्य उद्देश्य लोगों में श्री चैतन्य महाप्रभु के प्रति भक्ति और श्रद्धा को बढ़ाना है। यात्रा में बहरागोड़ा के जयपूरा, गोहोलामुड़ा, पारुलिया, दरीसोल और आसपास के कई गांवों के श्रद्धालु शामिल हैं।
कहा जाता है कि संन्यास लेने के बाद श्री चैतन्य महाप्रभु ने अपनी पत्नी विष्णुप्रिया देवी को लकड़ी की चरण पादुकाएं दी थीं। विष्णुप्रिया देवी ने जीवनभर उनकी सेवा की। ये पादुकाएं आज भी पश्चिम बंगाल के नवद्वीप धाम स्थित धामेश्वर महाप्रभु मंदिर में सुरक्षित हैं। साल 2019 में, चैतन्य महाप्रभु के वृंदावन आगमन की 500वीं वर्षगांठ पर इन्हें वृंदावन ले जाया गया था।
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