
पटना: बिहार के मसौढ़ी अंचल कार्यालय से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सरकारी तंत्र की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यहां एक कुत्ते के नाम से बाकायदा निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया.
प्रमाण पत्र में कुत्ते का नाम ‘डॉग बाबू’ लिखा गया है. उसके पिता का नाम ‘कुत्ता बाबू’ और मां का नाम ‘कुतिया देवी’ दर्ज है. इतना ही नहीं, इस सरकारी दस्तावेज़ पर कुत्ते की एक फोटो भी चस्पा है. सोशल मीडिया पर यह प्रमाण पत्र तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इस पर चुटकी ले रहे हैं.
यह प्रमाण पत्र मसौढ़ी अंचल कार्यालय से निर्गत हुआ. अधिकारियों की ओर से बताया गया कि किसी ने ऑनलाइन आवेदन किया था, जिसे बिना ठीक से जांचे आगे बढ़ा दिया गया. अंचल कार्यालय के राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान के डिजिटल सिग्नेचर के साथ यह दस्तावेज़ जारी हुआ.
जैसे ही मामला सामने आया, इसे तुरंत रद्द कर दिया गया. पटना जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं और प्रमाण पत्र जारी करने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी है. 24 घंटे के भीतर मसौढ़ी अनुमंडल अधिकारी को जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया गया है.
मसौढ़ी अंचला के अधिकारी प्रभात रंजन ने स्वीकार किया कि यह बड़ी चूक है. उन्होंने बताया कि आवेदक की आईडी से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर यह ‘भद्दा मज़ाक’ किसने किया.
गौरतलब है कि बिहार में इस तरह के फर्जी प्रमाण पत्र जारी होने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं. मुंगेर में ट्रैक्टर और पटना के बाढ़ अनुमंडल में ब्लूटूथ डिवाइस के नाम से निवास प्रमाण पत्र जारी होने की घटनाएं सामने आई थीं. मधेपुरा में तो महिला के वोटर कार्ड पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर तक छप चुकी है.
अब ‘डॉग बाबू’ का यह मामला सरकारी सिस्टम की गंभीर खामियों की ओर फिर से इशारा कर रहा है. इस पर मज़ाक बन रहा है, लेकिन इससे सरकारी कामकाज की साख पर सवाल भी उठे हैं.
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