Cameras On Trains: प्रायोगिक सफलता के बाद बड़ा फैसला, भारतीय रेलवे अब यात्री ट्रेनों में लगाएगा CCTV

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नई दिल्ली:  भारतीय रेलवे ने यात्री डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के प्रायोगिक प्रयोगों से मिले सकारात्मक अनुभव के आधार पर, अब सभी यात्री डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है. यह कदम यात्रियों की सुरक्षा को एक नई दिशा देगा.

रेलवे प्रशासन ने बताया कि इस निर्णय से बदमाशों और संगठित गिरोहों की गतिविधियों पर अंकुश लगेगा, जो अब तक भोले-भाले यात्रियों को निशाना बनाते रहे हैं. कैमरों की निगरानी के चलते ऐसी घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आने की संभावना है.

निजता का ख्याल, सुरक्षा भी सख्त
यात्रियों की निजता बनाए रखने के लिए कैमरे केवल डिब्बों के सामान्य आवागमन क्षेत्र और दरवाजों के निकट लगाए जाएंगे. इसका उद्देश्य यात्रियों की गतिविधियों की निगरानी नहीं, बल्कि आपराधिक तत्वों की पहचान और रोकथाम सुनिश्चित करना है.

केंद्रीय मंत्रियों ने की समीक्षा
शनिवार, 12 जुलाई को आयोजित बैठक में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने इंजनों और डिब्बों में कैमरे लगाने की प्रगति की समीक्षा की. बैठक में रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.

हर डिब्बे और इंजन में व्यापक कवरेज
उत्तर रेलवे में सफल परीक्षणों के बाद अब यह योजना देशभर के सभी 74,000 डिब्बों और 15,000 इंजनों में लागू की जाएगी.

प्रत्येक डिब्बे में 4 डोम सीसीटीवी कैमरे होंगे – हर प्रवेश द्वार पर 2.

प्रत्येक इंजन में 6 कैमरे लगाए जाएंगे – आगे, पीछे और दोनों तरफ.

दोनों कैब में 1-1 डोम कैमरा और डेस्क पर 2 माइक्रोफोन भी लगाए जाएंगे.

उन्नत तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का समावेश
रेलवे ने स्पष्ट किया कि कैमरे नवीनतम तकनीकी मानकों पर आधारित होंगे और एसटीक्यूसी प्रमाणित होंगे. रेल मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि तेज गति (100 किमी/घंटा से अधिक) और कम रोशनी की स्थिति में भी उच्च गुणवत्ता वाले फुटेज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.

इंडियाएआई मिशन के सहयोग से सीसीटीवी डेटा का विश्लेषण करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी.

सुरक्षा के साथ डिजिटल गोपनीयता की पहल
रेलवे प्रशासन ने आश्वस्त किया कि यात्रियों की निजता सर्वोच्च प्राथमिकता में रहेगी. कैमरे ऐसे स्थानों पर लगाए जाएंगे जहाँ निगरानी आवश्यक हो, परंतु निजी क्षणों का उल्लंघन न हो.

यह निर्णय भारतीय रेलवे के उस निरंतर प्रयास का हिस्सा है, जो यात्री सुविधा, सुरक्षा और तकनीकी आधुनिकीकरण की दिशा में उसे एक नई ऊँचाई पर ले जा रहा है.

 

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