
सरायकेला: सरायकेला जिले के चांडिल वन क्षेत्र अंतर्गत झिमड़ी गांव में मंगलवार देर रात एक जंगली हाथी ने बुलु महतो के घर पर हमला कर दिया. हमले में घर की दीवार और छत पूरी तरह ध्वस्त हो गई. इस घटना में एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई, जिसे उपचार के लिए नीमडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. वन विभाग की ओर से तत्काल राहत स्वरूप घायल को पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है.
अखिल भारतीय मानवाधिकार संघ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार शर्मा ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि विभाग टॉर्च और पटाखे जैसी सुरक्षा सामग्री देने के दावों में असफल रहा है. उनके अनुसार, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वन और पर्यावरण विभाग को हर वर्ष करोड़ों रुपये दिए जाते हैं, इसके बावजूद जंगली जानवरों का उत्पात बढ़ता ही जा रहा है.
प्रमोद शर्मा ने बताया कि जंगलों के भीतर ईंट भट्टों और पत्थर की खदानों में हो रही ब्लास्टिंग से हाथियों का प्राकृतिक मार्ग बाधित हुआ है. झामुमो नेता विश्वरंजन महतो का कहना है कि ग्रामीणों द्वारा जंगलों की अंधाधुंध कटाई और अवैध निर्माण के चलते हाथी गांवों की ओर रुख कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी से अयोध्या पहाड़ तक कोई सुरक्षित कॉरिडोर नहीं है. चांडिल डैम और अयोध्या की पहाड़ियों में स्थापित पावर प्लांट के कारण हाथियों के पारंपरिक रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं. जंगल में पौष्टिक आहार की कमी और नई बिल्डिंगों की बेतरतीब बढ़ोतरी भी हाथियों के विचलन का कारण बन रही है.
वन विभाग ने फिलहाल घायल महिला को मुआवजा देते हुए आगे की कार्रवाई के संकेत दिए हैं. विभाग का कहना है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की जा रही है ताकि वन्यजीवों और ग्रामीणों के बीच टकराव कम हो सके.
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