
गम्हरिया: हुल दिवस के अवसर पर भोगनाडीह में हुए लाठीचार्ज के विरोध में आदिवासी समाज में भारी असंतोष फैल गया है। इसी क्रम में सांवता सुसार आखाड़ा की ओर से पिंड्राबेड़ा मोड़ पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत जिला संयोजक रामदास टुडू के नेतृत्व में आदिवासी परंपराओं के अनुरूप एक प्रतीकात्मक शवयात्रा निकालकर की गई। इसके पश्चात आखाड़ा के सदस्यों ने सरकार के विरुद्ध नारेबाजी कर विरोध दर्ज कराया।
रामदास टुडू ने कहा कि, “आदिवासी समाज पर अत्याचार अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।”
निभाया जाएगा प्रतीकात्मक श्राद्धकर्म
संयोजक ने बताया कि पुतला दहन के बाद श्राद्धकर्म समेत अन्य पारंपरिक विधियों का पालन कर आक्रोश को सांस्कृतिक प्रतीकों से अभिव्यक्त किया जाएगा। उन्होंने इसे आदिवासी स्वाभिमान की रक्षा की प्रतीकात्मक चेतावनी बताया।
इस विरोध प्रदर्शन में आखाड़ा के अनेक सदस्य उपस्थित रहे। इनमें प्रमुख रूप से— प्रखंड संयोजक सोनाराम मार्डी, नंदलाल टुडू, बिरेन सोरेन, पवन हांसदा, बाबूराम मार्डी, त्रिभुवन बेसरा, बिट्टू हांसदा, भोगान हांसदा, गुरवा मार्डी, प्रधान मार्डी, सोनाराम हेंब्रम, भोला हेंब्रम, मधु सोरेन, मुंशी हांसदा सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।
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