
जमशेदपुर: नई शिक्षा नीति के तहत सरकारी स्कूलों में अगले सत्र से कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे. इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य बच्चों को खेल-खेल में सीखने का अवसर देना है. इसके साथ ही, स्कूलों में छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, ताकि शिक्षक बच्चों को रचनात्मक और इन्नोवेटिव तरीकों से पढ़ाई करवा सकें.
शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण और नए तरीके:
सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए शिक्षा विभाग का ध्यान विशेष रूप से प्राथमिक स्कूलों पर है. छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को नए और प्रभावी तरीकों से प्रशिक्षित किया गया है. इस प्रशिक्षण में शिक्षकों को बच्चों को खेलने के माध्यम से पढ़ाई करवाने की तकनीक सिखाई जा रही है, ताकि बच्चों को पढ़ाई बोझ नहीं लगे और वे सहजता से सीख सकें.
मनोरंजन और शिक्षा का संगम:
अब, बच्चों की शिक्षा को और भी दिलचस्प बनाने के लिए स्कूलों में एफएलएन (फाउंडेशनल लिटरेसी एंड नंबरेसी) टीवी बाक्स लगाए गए हैं. इस टीवी बॉक्स में बच्चों के लिए विषयों से संबंधित कहानी, कविता और क्विज उपलब्ध होंगे. इसमें खास बात यह है कि प्रत्येक विषय का एक क्विज भी होगा, जो केबीसी के तर्ज पर तैयार किया जाएगा.
क्विज से सीखने की प्रक्रिया:
क्विज के जरिए बच्चों से प्रश्न पूछे जाएंगे और उन्हें सही उत्तर के लिए विकल्प दिए जाएंगे. इससे यह पता चल सकेगा कि बच्चों ने कितना समझा है और यदि किसी विषय में कमी हो तो शिक्षक उसे दूर कर सकेंगे. यह प्रक्रिया बच्चों के शैक्षणिक आधार को मजबूत करने के साथ-साथ उन्हें मानसिक रूप से भी सशक्त बनाएगी.
डिजिटल शिक्षा की दिशा में कदम:
शिक्षा विभाग ने यह कदम स्कूली शिक्षा को डिजिटल बनाने की दिशा में उठाया है. इसके तहत विद्यालयों में डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं, ताकि बच्चों को आधुनिक तरीके से शिक्षा मिल सके.
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