
जादूगोड़ा: झारखंड की समृद्ध संस्कृति और सामाजिक व्यवस्था को बचाने के उद्देश्य से यूसिल के नरवा पहाड़ यूरेनियम प्रोजेक्ट प्रबंधन ने ग्राम प्रधानों के बीच पारंपरिक वाद्य यंत्रों का वितरण किया. इस पहल से ग्राम प्रधानों के चेहरों पर खुशी की लहर छा गई और उन्हें एक नई उम्मीद मिली.आज मंगलवार को यूसिल कॉलोनी के नरवा पहाड़ क्लब भवन में आयोजित एक समारोह में यह पारंपरिक वाद्य यंत्र वितरित किए गए. इस अवसर पर हड़तोपा ग्राम प्रधान लालू राम किस्कू, राजदोहा ग्राम प्रधान माझी यूवराज टुडू, मुर्गाघुटू ग्राम प्रधान उदित कुमार हेंब्रम, और कदमा ग्राम प्रधान रहीम हेंब्रम के साथ अन्य ग्रामीणों को यह वाद्य यंत्र सौंपे गए.
सामाजिक कार्यों में वाद्य यंत्रों का उपयोग
इस अवसर पर राम सिंह सोरेन और दसमत मुर्मू ने यूसिल प्रबंधन की इस पहल की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस वितरण के माध्यम से झारखंड की संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने में मदद मिलेगी. प्राप्त वाद्य यंत्रों में मादल (दो पीस), नगाड़ा (दो पीस), चोडचूड़ी (एक पीस), ढाक (एक पीस), झूनूर (दो पीस), कोरताल (दो पीस) और घंटा (एक पीस) शामिल हैं. यह सभी वाद्य यंत्र शादी, विवाह, पूजा-पाठ और अन्य सामाजिक कार्यों में इस्तेमाल होंगे, जिससे झारखंड की पारंपरिक धरोहर और सामाजिक व्यवस्था कायम रहेगी.
ग्राम प्रधानों और अधिकारियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में जादूगोड़ा ग्रुप ऑफ माइंस के एजेंट मनोरंजन महाली, खान प्रबंधन के एम के सिंह, प्रबंधक एस हेंब्रम और गाजिया हांसदा मुख्य रूप से उपस्थित थे. सभी ने यूसिल प्रबंधन की इस महत्वपूर्ण पहल को सामाजिक जागरूकता और सांस्कृतिक संरक्षण के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण बताया.
यूसिल के इस कदम से न केवल झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे ग्रामीणों की सामाजिक और पारंपरिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा.
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