
सरायकेला: सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल वन क्षेत्र अंतर्गत लावा गांव में शुक्रवार रात एक बेकाबू हाथी ने जमकर उत्पात मचाया. झुंड से बिछड़े इस विलग हाथी ने गांव में घुसकर छह घरों को तहस-नहस कर दिया और घरों में रखा अनाज खा गया. ग्रामीणों के अनुसार, कुछ दिन पहले कादला वन क्षेत्र में हाथियों का एक झुंड देखा गया था. संभवतः उसी झुंड से अलग होकर यह हाथी लावा गांव तक आ पहुंचा.
चांडिल बन क्षेत्र के कई गांव हाथी हमले के लिए रेड जोन माने जाते हैं. हाथियों की नियमित आवाजाही और उत्पात से ग्रामीणों में अतंक और असुरक्षा का माहौल व्याप्त है. लावा गांव में प्रभावित परिवारों में पंकज महतो, दोलू महतो, सीताराम आचार्य, अशोक गोराई, बीरा गोराई और हरेलाल गोराई शामिल हैं. इन सभी के घरों को हाथी ने पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है.
वन विभाग पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा
ग्रामीणों ने वन विभाग की निष्क्रियता पर गहरा आक्रोश जताया है. उनका कहना है कि हाथियों की लगातार मौजूदगी के बावजूद वन विभाग समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा. ग्रामीणों का आरोप है कि हाथियों को नियंत्रित करने की दिशा में विभाग सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है, जबकि जमीनी स्तर पर कोई प्रभावी योजना नहीं दिख रही.
क्या उठाए जाएंगे ठोस कदम?
इस घटना के बाद यह आवश्यक हो गया है कि:
- वन विभाग हाथियों की निगरानी के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम तैनात करे
- प्रभावित परिवारों को यथाशीघ्र मुआवजा एवं आवास सहायता प्रदान की जाए
- रेड जोन घोषित गांवों में जागरूकता, रोशनी, और हाथी-प्रतिरोधक उपाय अपनाए जाएं
- स्थायी समाधान हेतु मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने की नीति लागू हो
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