जमशेदपुर: इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), जमशेदपुर लोकल सेंटर और एनआईटी जमशेदपुर के आपदा जोखिम न्यूनीकरण क्लब (डीआरआर-क्लब) के सहयोग से शनिवार को शावक नानावटी टेक्निकल इंस्टीट्यूट (एसएनटी), बिष्टुपुर में एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गई। इसका विषय था – “सुरक्षित समुदायों का निर्माण: आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन के लिए इंजीनियरिंग समाधान”।
संगोष्ठी का मकसद प्राकृतिक और मानव-जनित आपदाओं की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक समाधानों पर विचार करना था। जलवायु परिवर्तन, तेज़ शहरीकरण और पर्यावरणीय असंतुलन को देखते हुए वक्ताओं ने रोकथाम और तैयारी पर जोर दिया।
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मुख्य अतिथि एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधार ने कहा कि “सुरक्षा और लचीलापन समुदाय स्तर से ही शुरू होते हैं। हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि आपदा को त्रासदी में बदलने से रोके।” कार्यक्रम में नब्बे से ज्यादा प्रतिभागी शामिल हुए जिनमें इंजीनियर, छात्र और उद्योग जगत के लोग थे।
अशोक कुमार दास ने बाढ़ प्रबंधन और अपने व्यावहारिक अनुभव साझा किए।
डॉ. प्रह्लाद प्रसाद ने भूकंप-रोधी अवसंरचना और सुरक्षित निर्माण रणनीतियों पर व्याख्यान दिया।
डॉ. मधुसूदन राव ने एआई आधारित आपदा पूर्वानुमान और निगरानी की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
डॉ. एस. माधुरी ने क्रमिक भूकंप और सुनामी परिदृश्य में भवनों की सुरक्षा पर जानकारी दी।
डॉ. जे. जयपाल ने स्थायी इंजीनियरिंग प्रथाओं की ज़रूरत बताई।
सत्रों के बाद प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिए गए और फीडबैक लिया गया। अंत में डॉ. एस.के. नारंग ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। सभी सत्र बेहद जानकारीपूर्ण और संवादात्मक रहे, जिससे प्रतिभागियों को नई तकनीकों और समाधानों की गहरी समझ मिली।
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