
सरायकेला: सरायकेला जिला अंतर्गत नीमडीह प्रखंड के रामनगर गांव में शनिवार रात एक जंगली हाथी के उत्पात से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। रूपुन महतो के घर में घुसे इस ट्रस्कर हाथी ने न केवल दीवार तोड़ी बल्कि घर में रखे अनाज को निवाला बना लिया।
घटना शनिवार रात करीब नौ बजे की है, जब रूपुन महतो का 18 वर्षीय बेटा विकास महतो घर के बाहर खटिया पर लेटा मोबाइल में मूवी देख रहा था। तभी एक जंगली हाथी चुपचाप गांव में घुस आया और घर के आसपास चक्कर लगाने लगा।
हाथी ने खटिया के पास आकर अपनी सूंड विकास के सिर पर फेरी, जिसे देखकर वह डर से उठकर घर के भीतर भाग गया। उसकी माँ रूपुन महतो ने बताया कि कुछ ही पलों में हाथी ने घर का पीछे का दीवार तोड़ डाला।
चावल से लेकर टमाटर तक… सब कुछ गटक गया
रसोई के पास रखे एल्यूमिनियम हांडी में रखा 50 किलो चावल हाथी ने खा लिया। उसके बाद उसी हांडी को पैर से कुचल कर पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया।
साथ ही, एक टोकरी में रखे टमाटर भी खा गया। इस दौरान छप्पर में लगी दो ऐस्बेस्टस शीट को तोड़ा और एक टिन की चादर साथ ले गया।
एक साल में तीसरी बार बना निशाना
रूपुन महतो ने बताया कि पिछले एक वर्ष में यह तीसरी बार है जब उनके घर को हाथियों ने नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने चांडिल वन विभाग को पहले भी कई बार आवेदन दिए, लेकिन आज तक कोई मुआवजा या सहायता नहीं मिली।
बरसात में टूटा घर, रातें हुईं बेहाल
घटना के बाद वर्षा के कारण गीली हुई मिट्टी की दीवारें और अधिक कमजोर हो गईं, जिससे घर में बारिश का पानी घुसने लगा।
परिवार के लोग अब भीषण बरसात और खुले आसमान के बीच दिन-रात काटने को मजबूर हैं। वन विभाग की ओर से तिरपाल या कोई वैकल्पिक आवासीय सहायता तक नहीं दी गई।
गांवों में क्यों बढ़ रहे हैं गजराज के हमले?
ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र सहित पूरे चांडिल वन क्षेत्र में हाथियों का आतंक दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। भोजन और पानी की तलाश में हाथी अक्सर गांवों की ओर रुख कर रहे हैं। सांझ ढलते ही झुंडों में हाथियों का गांव में प्रवेश और उपद्रव अब आम होता जा रहा है।
इससे गरीब किसानों के कच्चे घरों को गंभीर क्षति हो रही है और जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
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