
आदित्यपुर: आदित्यपुर स्थित प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान गायत्री शिक्षा निकेतन की छवि को झूठे आरोपों के माध्यम से धूमिल करने की कोशिश अब कोर्ट के दरवाज़े तक पहुँच गई है. स्कूल प्रबंधन ने इस प्रकरण में सत्यप्रकाश राय नामक व्यक्ति के विरुद्ध सिविल कोर्ट में मामला दर्ज कराया है.यह मुकदमा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की गंभीर धाराओं के अंतर्गत दर्ज हुआ है. इसमें मानसिक क्षति पहुँचाने, धमकी देने, झूठे आरोप लगाने और सोशल मीडिया के ज़रिए मानहानि करने जैसे आरोप शामिल हैं.प्रबंधन का कहना है कि यह केवल व्यक्तिगत आक्षेप नहीं, बल्कि संस्थान की वर्षों की मेहनत और सामाजिक प्रतिष्ठा पर सीधा प्रहार है. अब इसका उत्तर कानूनी माध्यम से दिया जाएगा.
सोशल मीडिया पर गंभीर आरोप
सत्यप्रकाश राय द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को टैग करते हुए स्कूल पर रि-एडमिशन और वार्षिक शुल्क के नाम पर अनियमित वसूली करने का आरोप लगाया गया था.राय ने इसे झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 की धारा 75(3) का उल्लंघन बताया और छात्रों का पैसा लौटाने की माँग की थी.
स्कूल प्रबंधन का जवाब: झूठे हैं आरोप
गायत्री शिक्षा निकेतन प्रबंधन ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए स्पष्ट किया कि स्कूल के फी कार्ड में ‘रि-एडमिशन’ नामक कोई कॉलम ही नहीं है.प्रबंधन ने कहा कि उन्होंने कभी इस नाम पर कोई शुल्क नहीं लिया. साथ ही यह भी दावा किया कि पूरे आदित्यपुर क्षेत्र में वे सबसे कम शुल्क में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं, जिसका प्रमाण उनके छात्रों के बेहतरीन बोर्ड परिणाम हैं.
पुराने मतभेद बने विवाद की वजह?
प्रबंधन के अनुसार, सत्यप्रकाश राय पहले भी कई बार स्कूल से फीस माफ करवाने का प्रयास कर चुके हैं. जब यह संभव नहीं हुआ, तो उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से संस्था की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की. संस्थान का स्पष्ट रुख है कि वे न तो शिक्षा की गरिमा से समझौता करेंगे और न ही झूठे आरोपों से डरेंगे.
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