हजारीबाग: हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड के गोंदलपुरा कोल ब्लॉक में अवैध खनन को लेकर रैयत ग्रामीण लंबे समय से आंदोलनरत हैं। इस सिलसिले में जेएलकेएम केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो के नेतृत्व में सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा।
देवेंद्र नाथ महतो ने कहा कि झारखंड राज्य में लगभग 40% खनिज संपदा होने के बावजूद, ग्राम सभा और स्थानीय रैयतों की सहमति के बिना खनन कार्य नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि “अडानी, अंबानी, टाटा, बिड़ला झारखंड को बपौती न समझें, अन्यथा राज्य से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।”
महतो ने बताया कि गोंदलपुरा में लगभग 1268 एकड़ जमीन पर अवैध कोयला खनन करने का प्रस्ताव है, जिसमें 551 एकड़ रैयती जमीन, 542 एकड़ वनभूमि और 173 एकड़ गैर-मेजरुआ जमीन शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीणों की संवैधानिक आवाज को दबाने के लिए 6 निर्दोष लोगों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर जेल भेजा जा चुका है।
महतो ने आगे बताया कि गोंदलपुरा क्षेत्र बहु-फसली उपजाऊ भूमि और घने जंगलों वाला इलाका है। अवैध खनन होने पर हाथी और अन्य वन्य जीवों का जीवन, साथ ही स्थानीय ग्रामीणों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाएगी। इस कारण उन्होंने राज्यपाल से मांग की कि बिना ग्रामीणों की सहमति खनन करने वाली कंपनी पर तुरंत रोक लगाई जाए।
राज्यपाल संतोष गंगवार ने मामला गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस ज्ञापन और समस्या को राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार को लिखित रूप से अवगत कराया जाएगा और समाधान के प्रयास किए जाएंगे।
इसे भी पढ़ें :
Jamshedpur: जमशेदपुर में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का जोरदार विरोध, ITR समयसीमा बढ़ाने की मांग